Andaman & Nicobar Islands की राजधानी पोर्ट ब्लेयर (Port Blair) का नाम अब आधिकारिक रूप से श्रीविजयपुरम (Shri Vijayapuram) कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस दृष्टि से प्रेरित है, जिसमें भारत की औपनिवेशिक विरासत को समाप्त करने का विचार है।
पोर्ट ब्लेयर, जो कि भारतीय और विदेशी पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य है, को अब एक नया नाम दिया गया है जो भारत की स्वतंत्रता और द्वीप के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को उजागर करता है। गृह मंत्री शाह ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा, “श्रीविजयपुरम नाम हमें उन बलिदानों की याद दिलाएगा जो स्वतंत्रता के लिए दिए गए थे और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के उस संघर्ष में अहम भूमिका की पहचान को बनाए रखेगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि चोल साम्राज्य के दौरान यहां एक महत्वपूर्ण नौसैनिक बंदरगाह हुआ करता था। उन्होंने इस द्वीप की सुरक्षा और विकास के दृष्टिकोण से भी महत्व पर प्रकाश डाला। पोर्ट ब्लेयर का पूर्व नाम ब्रिटिश नौसैनिक अधिकारी लेफ्टिनेंट आर्किबाल्ड ब्लेयर के नाम पर रखा गया था, जिसे अब भारत के ऐतिहासिक गौरव के सम्मान में बदला गया है।
अमित शाह ने अपने वक्तव्य में यह भी उल्लेख किया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इस द्वीप पर भारत का पहला राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। इसके साथ ही, स्वतंत्रता संग्राम के महानायक वीर सावरकर और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को इस द्वीप की कुख्यात सेलुलर जेल में कैद किया गया था। अब श्रीविजयपुरम, भारत के स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में से एक है और ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ स्थित संग्रहालय, नौसेना का अड्डा और स्वतंत्रता सेनानियों के स्मारक, इस स्थल की गौरवशाली विरासत को जीवित रखते हैं। नाम परिवर्तन के इस फैसले का उद्देश्य भारत के स्वाभिमान और गौरवपूर्ण इतिहास को पुनर्जीवित करना है। श्रीविजयपुरम का नाम अब भारतवासियों को हमेशा उन संघर्षों और बलिदानों की याद दिलाता रहेगा जो देश की स्वतंत्रता के लिए किए गए थे।