डेस्क: जहरीला हाईवे, यह सुनकर आप एक बार चौंक जरूर जाएंगे। आप सोच रहे होंगे कि हाईवे जहरीला (Morena Highway News) कैसे हो सकता है। लेकिन हम आपको उस हाईवे के बारे में बता रहे हैं जो वाकई में बहुत जहरीला है। यह हाईवे मनुष्य और जानवर दोनों के लिए जानलेवा है। इसकी वजह जानकर भी आप हैरान रह जाएंगे। हम बात कर रहे हैं मुरैना जिले से गुजरने वाले नेशनल हाईवे 44 की। इस नेशनल हाईवे के बीच के डिवाइडर पर हजारों की संख्या में कनेर के पौधे लगे हुए हैं।
तकरीबन 30 हजार की संख्या में इस डिवाइडर पर पौधे लगे हुए हैं। यह पौधे असल में इंसान और जानवर दोनों के लिए ही बहुत ही हानिकारक है। मुरैना पीजी कॉलेज में पदस्थ डॉक्टर आरपी सिंह कनेर के पौधों के बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि कनेर के पौधे इंसान और जानवर दोनों के लिए नुकसानदायक है। आरपी सिंह का कहना है कि कनेर में एल्कलॉएड पाया जाता है जो बहुत ही हानिकारक होता है। अगर कनेर के पौधों की पत्तियां जानवर खा लेते हैं तो उनका स्वास्थ्य खराब हो जाता है।
बताया जा रहा है कि अगर कनेर के बीज कोई मनुष्य खा ले तो उसकी जान भी जा सकती है। इस तरह कनेर का पौधा इंसान और जानवर दोनों के लिए ही खतरनाक है। एनएचएआई ने नेशनल हाईवे पर लगे कनेर के पौधों के स्थान पर अब स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाने का निर्णय लिया है। इससे संबंधित सर्कुलर भी एनएचएआई की तरफ से जारी कर दिया गया है।
सर्कुलर में बताया गया है कि कनेर के पौधे जहां टूट गए हैं या उखड़ गए हैं। उनके स्थान पर अब स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाए जाएं। इसके साथ ही सर्कुलर में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि एक प्रजाति का पौधा 25% से अधिक नहीं लगाया जाना चाहिए, जिससे विविधता बनी रहती है।कुल मिलाकर गुलाबी और पीले फूलों से सजे कनेर के पौधे इतने खतरनाक हैं कि अब इनके स्थान पर दूसरे पौधे लगाए जाने की तैयारी एनएचएआई ने कर ली है।