धर्मशाला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धर्मशाला में प्रस्तावित रैली फिलहाल स्थगित कर दी गई है। शुक्रवार को आदर्श आचार संहिता लगने के बाद यहां पहुंची एसपीजी को वापस बुला लिया गया है। वहीं प्रशासन की ओर से चल रही तैयारियों को भी रोक दिया गया है। कोड ऑफ कंडक्ट से पहले का कार्यक्रम सरकारी होना था, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली भाजपा को करवानी होगी, ऐसे में अब नए सिरे से योजना बनाकर सभी संसदीय क्षेत्रों में एक-एक बड़ी जनसभा हो सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊना व चंबा के बाद धर्मशाला में 16 को बड़ी रैली करवाने की तैयारी चल रही थी। शुक्रवार को सुबह पुलिस मैदान में बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया था। ऊना व चंबा से ड्यूटी में तैनात सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सीधे धर्मशाला में रिपोर्ट करने को कहा गया था, जिसके बाद यहां तैयारियां शुरू हो गई थीं, लेकिन अचानक से दोपहर को जब चुनाव आयोग द्वारा प्रेस वार्ता का संदेश आया, तो प्रक्रिया ठंडी हो गई और प्रेस वार्ता के बाद एसपीजी को भी वापस बुला लिया गया। शाहपुर के चंबी मैदान और धर्मशाला के पुलिस मैदानों में पूरी योजना के तहत काम चल रहा था।
कुछ माह पहले ही प्रधानमंत्री मुख्य सचिवों की बैठक के बहाने धर्मशाला में रोड शो कर चुके हैं। ऐसे में अब शाहपुर के चंबी मैदान में रैली करवाने को प्राथमिकता देने के बात की जा रही थी। कांगड़ा में प्रधानमंत्री मोदी की रैली स्थगित होने से कांगड़ा की जनता व नेताओं को भी मायूसी हाथ लगी है। चुनावी दौर ही सही प्रधानमंत्री प्रदेश के सबसे बड़े जिला के लिए कोई घोषणा कर जाते, ऐसी उम्मीद लगाई जा रही थी, लेकिन अब पीएम चुनावी रैली में ही आएंगे।
उधर, भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर का कहना है कि आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की कई बड़ी रैलियां होंगी। बीजेपी पूर्व योजना के आधार पर काम कर रही है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता एवं कोषाध्यक्ष डा. राजेश शर्मा का कहना है कि भाजपा सरकारी खर्चे पर रैली करना चाहती थी, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। सरकार ने कांगड़ा से भेदभाव किया है। सभी प्रोजेक्ट लटका दिए हैं। ऐसे में विस चुनावों में जनता सरकार को करारा जबाब देगी। उन्होंने कहा कि अभी तक जनता चुप थी, लेकिन अब सीधा विरोध करेगी।