अखण्ड भारत टीम/नई दिल्ली :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों के लिए टेरर फंडिंग और काला धन जमा करने वालों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का जरिया बने इन क्रिप्टो एक्सचेंज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए है। शनिवार को पीएम ने इसे लेकर फाइनेंस मंत्रालय, आरबीआई और गृह मंत्रालय के साथ एक बैठक की है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि बैठक में पीएम मोदी ने स्पष्ट तौर पर पूछा कि क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलराइज करने के लिए कौन से कदम उठाए गए हैं। देश में अवैध तरीके से चल रहे सभी क्रिप्टो एक्सचेंज पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
दो दिन पहले ही आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल करेंसी को लेकर चेतावनी दी थी। उन्होंने इसे बेहद गंभीर विषय बताया था और जल्द ही कोई बड़ा कदम उठाए जाने की तरफ इशारा किया था। क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने के लिए आरबीआई और शेयर बाजार रेग्युलेटर सेबी मिलकर एक फ्रेमवर्क तैयार कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में क्रिप्टोकरेंसी और उससे जुड़े सभी मुद्दों की व्यापक समीक्षा हुई। साफतौर पर यह तय किया गया कि क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर युवाओं को गुमराह करने वाली अपारदर्शी एडवर्टाइजिंग पर रोक लगाई जाए। बैठक में RBI, फाइनेंस मंत्रालय और गृह मंत्रालय की तरफ से देश-दुनिया के क्रिप्टो एक्सपर्ट्स से ली गई सलाह के बाद सामने आए मुद्दों पर बात की गई।
बैठक में यह भी माना गया कि क्रिप्टोकरेंसी का मुद्दा देश की सीमाओं में बंधा हुआ नहीं है बल्कि यह एक इंटरनेशनल इश्यू है। ऐसे में भारत सरकार ग्लोबल पार्टनरशिप और सामूहिक रणनीतियां बनवाने के लिए दूसरे देशों के साथ तालमेल बनाएगी।
बैठक में इस बात पर सहमति जताई गई कि इन मार्केट्स को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का गढ़ नहीं बनने दिया जा सकता। क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी तकनीक रोजाना बदल रही है। इसके चलते यह तय किया गया कि सरकार तकनीक की मदद से क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े हर पहलू पर करीबी नजर रखने के लिए कदम उठाएगी। इसके लिए लगातार एक्सपर्ट्स और अन्य हितधारकों से सुझाव लिए जाएंगे।