शिमला : प्रदेश के 200 सरकारी स्कूल जल्द हर्बल पौधों की खुशबू से महकेंगे। हर्बल गार्डन बनाने के लिए चिह्नित किए गए स्कूलों में एक से छह अगस्त तक औषधीय पौधे वितरित किए जाएंगे।
प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्र में दो से तीन स्कूलों में हर्बल गार्डन बनाए जाएंगे। इसके लिए बजट की व्यवस्था आयुष मंत्रालय करेगा। 500 वर्ग मीटर की भूमि वाले स्कूलों का गार्डन बनाने के लिए चयन किया गया है। चयनित स्कूल के प्रबंधन को दस वर्ष तक इसकी देखभाल करनी होगी।
आयुष मंत्रालय के नेशनल मेडिसिन प्लांट बोर्ड की पहल पर स्कूलों में हर्बल गार्डन बनाए जा रहे हैं। प्रयोग सफल रहने पर अन्य स्कूलों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा। दस वर्षों तक हर्बल गार्डन की देखभाल करने की शर्त पर मंत्रालय की ओर से बजट दिया जाएगा।
हर्बल गार्डन बनने पर विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को औषधीय पौधों की जानकारी आसानी से मिलेगी। औषधीय पौधों जैसे मीठा नीम, पत्थरचट्टा, आंवला, तुलसी आदि से विभिन्न बीमारियों का घरेलू उपचार भी विद्यार्थी सीख सकेंगे। योजना के तहत कदम्ब, अशोक, अर्जुन, भृंगराज, मुलैठी, वर्जदंती और सर्पगंधा जैसे पौधे रोपे जाएंगे।