न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति इजाजुल अहसान और न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर की पीठ ने फैसला सुनाया कि परवेज इलाही पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री हैं
पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पंजाब विधानसभा के डिप्टी-स्पीकर के 10 मतों को खारिज करने के फैसले को असंवैधानिक करार दिया और पीएमएल-क्यू नेता चौधरी परवेज इलाही को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रांत पंजाब का मुख्यमंत्री नामित किया। इस फैसले से प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को बड़ा झटका लगा है। बहुमत हासिल करने के बावजूद शुक्रवार को चुनाव हारने वाले परवेज इलाही ने डिप्टी स्पीकर दोस्त मजारी के फैसले को चुनौती दी थी।
मजारी के फैसले में प्रधानमंत्री शरीफ के बेटे हमजा को विजयी घोषित किया गया था। मामले की सुनवाई करने वाले मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति इजाजुल अहसान और न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर की पीठ ने फैसला सुनाया कि परवेज इलाही पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री हैं। चुनाव के दौरान, मजारी ने पार्टी अध्यक्ष चौधरी शुजात हुसैन की ओर से लिखे गए एक पत्र का हवाला देते हुए पीएमएल-क्यू के 10 विधायकों के मतों की गिनती के खिलाफ फैसला दिया था, जो इलाही के पक्ष में थे।
अदालत ने पंजाब के गवर्नर को मंगलवार रात 11:30 बजे से पहले परवेज इलाही को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने का भी आदेश दिया। इलाही को पंजाब प्रांत की विधानसभा में 186 मत मिले थे जबकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग -नवाज़ (पीएमएल-एन) के प्रत्याशी हमज़ा शहबाज़ को 179 वोट प्राप्त हुए थे लेकिन सदन के उपाध्यक्ष दोस्त मोहम्मद मज़ारी ने इलाही की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) के विधायकों के वोट खारिज कर दिए।
पीएमएल-क्यू के प्रमुख चौधरी शुजात हुसैन ने अपनी पार्टी के विधायकों को हमजा को वोट देने की हिदायत दी थी जो प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ के बेटे हैं। इस वजह से मजारी ने पीएमएल-क्यू के मतों की गिनती कराने से इनकार कर दिया। पंजाब प्रांत में अप्रैल से ही राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है। इसने शुक्रवार को तब नया मोड़ ले लिया जब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने इलाही को अपना समर्थन दे दिया। हालांकि उन्हें विजेता घोषित नहीं किया गया था।