नाहन : जिला सिरमौर के सभी 7 विकास खंडो में स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों को आकर्षक बनाने के लिए पैकेजिंग व लेबलिंग यूनिट स्थापित किया जाएगा। यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त सिरमौर मनेश कुमार ने आज राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत नाहन विकासखंड के स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए दी।
उन्होंने बताया कि सभी विकास खंडों में पैकेजिंग और बिलिंग यूनिट के स्थापित होने के बाद स्वयं सहायता समूह के सदस्य हाथों की जगह मशीनों से कार्य करेंगी जिससे उत्पादों के प्रोडक्शन भी बढ़ेंगे और उत्पादों को नई पहचान मिलेगी। यूनिट के स्थापना से स्वयं सहायता समूह के उत्पाद मल्टीनेशनल कंपनियों के उत्पादों का मुकाबला कर सकेंगे और उत्पादों की गुणवत्ता भी बड़ेगी और जिला में बनाए जा रहे इन उत्पादों को ऑनलाइन नेटवर्किंग जैसे अमेजॉन फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियों में बेचने के लिए प्लेटफार्म मिलेगा।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फ्रूट प्रोसेसिंग इंटरप्राइजेज और मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की व्यक्तिगत सदस्य को 40000 रुपये फूड प्रोसेसिंग के लिए टूल किट तथा अन्य सामग्री किसके लिए प्राप्त होता है और स्वयं सहायता के रूप में अधिकतम 10 महिलाओं को 40 लाख रुपये तक का फूड प्रोसेसिंग के लिए फंड मिलता है इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत 60 लाख तक का लोन महिलाओं को 30 प्रतिशत सब्सिडी के रूप में हिमाचल सरकार द्वारा दिया जा रहा है।
इस अवसर पर प्रोजेक्ट निदेशक विनीत ठाकुर ने उपस्थित स्वयं सहायता समूह को मिलने वाली आर्थिक सहायता के बारे में विस्तार से जानकारी दी उन्होंने बताया कि प्रत्येक स्वयं सहायता समूह को 2500 स्टार्टअप फंड के रूप में दिया जाता है। इसके अतिरिक्त स्वयं सहायता समूह को 15000 रूपये रिवाल्विंग फंड आजीविका के लिए भी दिया जाता है ।
इस कार्यशाला में नाहन विकासखंड की 200 से अधिक स्वयं सहायता समूह के 400 से अधिक महिला सदस्यों ने भाग लिया।
इस अवसर पर सहायता समूह की महिलाओं ने पैकेजिंग, लेबलिंग और मार्केटिंग की उचित व्यवस्था ना होने स्वयं सहायता समूह केे फंड का इस्तेमाल न कर पाने और सही समय पर बैंक से सहायता न मिलने बारे अपनी समस्याएं बताई।