धर्मशाला : चौदहवीं विधानसभा के शीत सत्र का पहला दिन बुधवार को धर्मशाला के तपोवन विधानसभा भवन में हंगामेदार रहा। संस्थानों को डिनोटिफाई करने के विरोध में विपक्षी भाजपा विधायकों ने हंगामा करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ लेने से पहले ही तपोवन सदन हंगामे से तपने लगा।हंगामा शांत हुआ तो शपथ समारोह हुआ। इसके बाद विपक्ष फिर आक्रामक हो गया।
सदन में सत्ता पक्ष के विधायक भी विपक्ष पर जुुबानी हमले करते रहे, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के वक्तव्य के बीच ही विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया। सुक्खू के नेतृत्व की सरकार का यह पहला विधानसभा सत्र है। बुधवार को 11 बजे सदन की कार्यवाही जैसे ही राष्ट्रगान के साथ शुरू हुई तो यहां शपथ समारोह शुरू करने से पहले ही विपक्ष हमलावर हो गया।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने संस्थानों को डिनोटिफाई करने का मुद्दा उठाया और सरकार की इस कार्रवाई को तानाशाहीपूर्ण करार देते हुए इसका विरोध किया, जिसके बाद सदन में खूब हंगामा और नारेबाजी होती रही। प्रोटेम स्पीकर चंद्र कुमार बार-बार कार्यवाही चलने देने का अनुरोध करते रहे। बाद में हंगामा शांत हुआ तो सीएम समेत सभी विधायकों ने विधानसभा सदस्य के रूप में बारी-बारी शपथ ली।
एक बजे के बाद जैसे ही नेता प्रतिपक्ष के उठाए विषय पर सीएम जवाब देने उठे तो विपक्ष असंतोष जताते हुए हंगामा करता रहा। इस बीच सीएम सुक्खू और जयराम ठाकुर के बीच नोकझोंक होती रही। बाद में विपक्षी भाजपा के सदस्य सदन से नारे लगाते हुए बाहर चले गए।