रामपुर बुशहर : निरमंड उपमंडल के तहत वर्ष 2019 में अवेरी में चिट्टे के साथ दबोचे गए एक पुलिस कर्मचारी और तीन अन्य लोगों को अदालत ने एक वर्ष के कारावास और 20-20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। इन दोषियों में तीन जिला सिरमौर से संबंध रखते हैं, जबकि पुलिस कर्मचारी शिमला के जुब्बल का रहने वाला है।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किन्नौर स्थित रामपुर की अदालत ने सोमवार को यह अहम फैसला सुनाया। पुलिस ने चारों से 11 ग्राम चिट्टा बरामद किया गया। फैसले की जानकारी देते हुए जिला उपन्यायवादी कमल चंदेल ने बताया कि 18 नवंबर 2019 को पुलिस पार्टी मुख्य आरक्षी अमर सिंह की अगुवाई में गश्त पर निरमंड की तरफ रवाना हुई थी। रात करीब 9:00 बजे अवेरी की तरफ से एक कार आई। इसे तलाशी के लिए रोका गया तो उसमें चार व्यक्ति सवार थे। पुलिस ने चालक से गाड़ी के दस्तावेज मांगे। चालक जब डैशबोर्ड से कागज निकाल रहा था, तो उससे एक पैकट नीचे गिरा, जिसे देखकर कार में सवार सभी लोग घबरा गए। पुलिस को किसी अवैध वस्तु का शक हुआ। उस गिरे पैकेट को गवाहों की मौजूदगी में खोला गया तो उसमें 11 ग्राम चिट्टा पाया गया। नाम पता पूछने पर चालक सीट पर बैठे व्यक्ति ने प्रदीप कुमार निवासी शिलाई, जिला सिरमौर, साथ वाली सीट में बैठे व्यक्ति ने रविंद्र निवासी शिलाई, सिरमौर, पिछली सीट पर बैठे व्यक्ति ने लक्षय निवासी जुब्बल, जिला शिमला, जो पुलिस में कार्यरत है और चौथे ने अपना नाम नारायण सिंह, निवासी शिलाई, जिला सिरमौर बताया। पुलिस ने चारों के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार किया।
तफ्तीश पूरी होने पर न्यायालय में वर्ष 2020 में चालान पेश किया, लेकिन कोरोना काल के चलते ट्रायल में तीन वर्ष का समय लगा। अदालत में अभियोजन ने 10 गवाहों के साक्ष्य कलमबद्ध किए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सभी चारों दोषियों को एक वर्ष के कारावास और 20-20 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। सरकार की ओर से मुकदमे की पैरवी जिला उपन्यायवादी कमल चंदेल ने की।