शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से 3 जून को होने वाली बैठक तक डॉक्टरों ने पेन डाउन स्ट्राइक का समय आधा कर दिया है। बुधवार से सुबह 9:30 बजे से 10:15 बजे तक पेन डाउन स्ट्राइक कर एनपीए बंद होने का विरोध किया गया। संघर्ष की आगामी रणनीति अब 3 जून को बनाई जाएगी।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के आश्वासन के बाद संयुक्त संघर्ष समिति ने पैन डाउन स्ट्राइक का समय कम किया है। पहले सुबह 9:30 बजे से 11:00 बजे स्ट्राइक कर डॉक्टर एनपीए बंद होने का विरोध कर रहे थे। हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ संयुक्त संघर्ष समिति (जिसमें प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के शिक्षक चिकित्सक संघ, हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ एवं सभी रेजिडेंट डॉक्टर संघ सम्मिलित है) की आपात बैठक बुधवार सुबह हुई। इसमें सर्वसम्मति से पेन डाउन स्ट्राइक की अवधि को आधा करने का निर्णय लिया गया।
हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ के महासचिव डॉ. विकास ठाकुर ने बताया कि संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार से आग्रह किया है कि हाल ही में निकाली गई अधिसूचनाओं को तत्काल वापस लिया जाए। राज्य में नवनियुक्त चिकित्सकों का एनपीए बंद न किया जाए। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के पास बहुत कम प्रमोशनल पोस्ट हैं, जिसके लिए हमें टाइम स्केल 4-9-14 दिया जाता रहा है, लेकिन वेतन आयोग की अधिसूचना में चिकित्सकों का 4-9-14 टाइम स्केल भी बंद कर दिया गया है। कई साल से मेडिकल ऑफिसर बीएमओ पद की तरक्की के लिए इंतजार कर रहे हैं लेकिन विभाग ने नियमित पदोन्नति नहीं की है। ऐसे में चिकित्सकों का टाइम स्केल 4-9-14 को जारी रखा जाना चाहिए। राज्य के चिकित्सा स्नातकों के लिए पीजी भत्ता पंजाब सरकार की तरह वेतन में संलगित करवाने और मेडिकल कॉलेज में शैक्षणिक भत्ते में वृद्धि पंजाब की तर्ज पर हो। स्वास्थ्य निदेशक, संयुक्त निदेशक, उपनिदेशक और खंड चिकित्सा अधिकारी के पदों को डीपीसी से भरा जाए। नए खोले गए मेडिकल कॉलेजों में आईजीएमसी के समतुल्य फैकल्टी और सीनियर रेजिडेंट के पदों का सृजन किया जाए।