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दवा की जरूरत नहीं, बड़ी से बड़ी किडनी स्टोन को गला देगा ये दाल, आयुर्वेद डॉ के 6 उपाय कभी नहीं बनेंगे पथरी

By Sushama Chauhan

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स्वास्थ्य: भारत में किडनी स्टोन डिजीज आम बात है। लगभग 12 प्रतिशत जनसंख्या में स्टोन बनने का डर ज्यादा होता है। इनमें से आधे मामलों में किडनी को नुकसान भी पहुंचता है। किडनी स्टोन के कारण बहुत तेज दर्द सहन करना पड़ता है, जिससे लाइफ की क्वॉलिटी प्रभावित होती है। इसका इलाज कराने में लापरवाही से परेशानियां और बढ़ सकती हैं, जैसे – इन्फेक्शन, यूरेटर में रुकावट, खून बहना आदि।

कर्मा आयुर्वेदा के फाउंडर-डायरेक्टर डॉ. पुनीत के अनुसार, हमेशा की तरह इस मामले में भी बचाव इलाज से बेहतर रहता है। इसलिए, लोगों को किडनी स्टोन के खतरों को शुरुआत में ही कम करने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए। आयुर्वेद के घरेलू नुस्खों की मदद से यह काम प्राकृतिक रूप से किया जा सकता है।

चूंकि किडनी स्टोन का असर हर उम्र के लोगों पर पड़ता है, इसलिए उन्हें रोकने के लिए बचाव के कदम उठाए जाने चाहिए। किडनी स्टोन से बचने के इच्छुक लोगों के लिए आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे बहुत मददगार साबित होते हैं, क्योंकि उनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता और उन्हें घर में ही आजमाया जा सकता है।

हाइड्रेट रहें

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कम मात्रा में लिक्विड लेने से यूरिन कंसंट्रेटेड हो जाता है और यह धीरे-धीरे क्रिस्टल्स बनाने लगता है, जिन्हें हम किडनी स्टोन कहते हैं। किडनी स्टोन बनने से रोकने का सबसे आम और सबसे अच्छा तरीका पर्याप्त मात्रा में पानी पीना है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि शरीर में पानी की कमी नहीं हो और यूरिन डायल्युट रहे।

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कुल्थी दाल

हॉर्स ग्राम, जिसे कुल्थी दाल के नाम से भी जाना जाता है, जानी-मानी आयुर्वेदिक औषधि है। इसकी मदद से किडनी स्टोन का निर्माण रोका जा सकता है और इन स्टोन्स को दूर भी किया जा सकता है। इसमें यूरिन की मात्रा बढ़ाने और स्टोन को गलाने का गुण होता है, इसलिए कुल्थी दाल स्टोन्स को बाहर निकालने का काम करती है। रोटी या चावल के साथ इसे खा सकते हैं। हालांकि, ऊष्ण (गर्म) प्रकृति की होने के कारण, इसे रोज नहीं खाना चाहिए।

खट्टे फल खाएं

आंवला, संतरा, मौसमी और नींबू जैसे फलों को अपने खाने में शामिल करें। खट्टे फलों में सिट्रिक एसिड भरपूर होता है, जो किडनी स्टोन का निर्माण रोकता है और बन चुके स्टोन्स को तोड़ने में मदद करता है। सिट्रिक एसिड के लिए सप्लीमेंट्स के बजाय प्राकृतिक संसाधन पहली पसंद होने चाहिए।

पौधों से मिलने वाले प्रोटीन चुनें

एनिमल प्रोटीन की अधिक मात्रा लेने से किडनी स्टोन बनने का डर बढ़ जाता है। प्रोटीन की जरूरत पूरी करने के लिए खाने में एनिमल प्रोटीन की बजाय, पौधों पर आधारित विकल्प चुनने चाहिए, जैसे – मटर, फलियां और दालें। यह ध्यान रखें कि उचित मात्रा ही सबसे महत्वपूर्ण बात है; ज्यादा प्रोटीन वाला खाना जरूरत से ज्यादा मात्रा में खाने को नियम नहीं बना लेना चाहिए।

नमक की मात्रा कम करें

प्रोसेस्ड फूड में नमक की बहुत ज्यादा मात्रा होती है, जो किडनी में कैल्शियम को इकट्ठा करने की दर बढ़ा देता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि सोडियम और कैल्शियम एक ही तरीके से किडनी तक पहुंचते हैं, जिसका परिणाम किडनी स्टोन बनने के रूप में सामने आता है। अधिक सोडियम वाले फास्ट-फूड जैसे – फ्रेंच फ्राइज और बर्गर से दूरी बनाकर इस स्थिति से बचा जा सकता है। इसके बजाय, कम सोडियम वाला ताजा खाना लेना चाहिए, जिससे यूरिन में कैल्शियम की मात्रा को कम किया जा सके। किडनी की सेहत को बढ़ावा देने के साथ-साथ, कम सोडियम दिल के लिए भी अच्छा होता है।

डेयरी उत्पादों का सीमित इस्तेमाल

यह एक भ्रम है कि कम कैल्शियम खाने से किडनी स्टोन का खतरा भी कम हो जाएगा। इसलिए, लोग अधिक कैल्शियम वाला भोजन लेना बंद कर देते हैं। हालांकि, इसकी सलाह नहीं दी जाती। वास्तव में, किसी भी व्यक्ति को अपनी कैल्शियम की जरूरत पूरी करने के लिए एक दिन में डेयरी उत्पादों के तीन कप जितनी मात्रा लेनी चाहिए, जिससे कैल्शियम स्टोन का खतरा कम हो सके।