90 प्रतिशत डंपिंग साइड पर कोई सुरक्षा दीवारें नहीं, 10 दिन बाद मानसून आने से हजारों एकड़ भूमि हो जायेगी बर्बाद
कँवर ठाकुर (शिलाई):- राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर हैवणा से बोहराड सड़क निर्माण कार्य पर निकल रहे मलबे से दर्जनों पेयजल सोर्स बन्द होने की कगार पर आ गए है बरसात होते ही सैकड़ो बीघा भूमि मलबे की चपेट में आने से किसान, बागवान बेघर होने वाले है लेकिन एनएचएआई, भूअधीग्रहण अधिकारी, पर्यावरण मंत्रालय सहित सम्बन्धित विभाग लापरवाह नजर आ रहे है।
जानकारी के मुताबिक आरजीवी कम्पनी सड़क निर्माण कार्य कर रही है कम्पनी डम्पिंगयार्ड को नियमानुसार विकसित नही कर रही है जो मलवा चिन्हित क्षेत्र में डाला जा रहा है वह मलवा सिमा रेखाओं से बाहर निकलकर तीन गुना अधिक क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है बरसात में यही मलवा हजारों एकड़ भूमि को बर्बाद करने वाला है क्षेत्रीय लोगो ने कम्पनी व सम्बन्धित विभाग को कई बार आने वाली आपदा से अवगत करवाया है लेकिन ऊची रसूख रखने वाली कम्पनी के आगे विभागीय अधिकारी नतमस्तक नजर आते है इसलिए समस्या अधिक विकराल होती जा रही है।
क्षेत्रीय लोगो मे नरेश कुमार, कल्याण सिंह, दौलत राम, जगत सिंह, उदय राम, गुमान सिंह, सुरेश कुमार, तेजपाल सिंह, मोहर सिंह बताते है कि सड़क निर्माण कर रही कम्पनियों के मैनेजर आम आदमियों का गला घोंट रहे है, डंपिंग साइड पर मलवा बेतरतीब डाला जा रहा है, मलवा रोकने के लिए नाममात्र की वायरक्रेट जरूर लगाई जा रही है लेकिन इनमे मलवा नही रुक रहा है ड़म्पिग जगह से बाहर हजारों टन मलवा निकल गया है,खिसकता मलवा बरसात में बचे हुए पेयजल सोर्स, सिचाई कुल, खेत, खलियान, सहित हजारों एकड़ भूमि तबाह कर देगा, सरकार जनता से पैसा एकत्रित करती है तथा इन्ही पैसों से कम्पनियां करोड़ो रूपये का भ्रष्टाचार करके, भ्रष्ट अधिकारियों को पालती है, तथा विकास के साथ विनाश करके भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है, भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारीयों की ढोर ढीली है जिसका खामियाजा क्षेत्रीय किसानों को भुगतना पड़ेगा।
आश्चर्यजनक बात यह है कि अगले 10 दिनों बाद क्षेत्र में बरसात का मौसम दस्तक देने वाला है तथा 90 प्रतिशत डंपिंग साइड पर सुरक्षा दीवारें व वायरक्रेट नही है जिससे डाला गया मलवा सीधा तबाई की तरफ इशारा कर रहा है सम्बन्धित विभाग, अधिकारी व मंत्रालय क्यों कार्यवाही करने में लापरवाही कर रहा है यह विचारणीय बात है, बैरहाल क्षेत्र में हजारों एकड़ जमीन के मलवे की जद में आने के पूर्ण आसार बने हुए है।
पावटा साहिब उपमंडलाधिकारी विवेक महाजन ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया है कि उन्होंने मौका का निरीक्षण किया है तथा सम्बन्धित कम्पनियों को डम्पिंगयार्ड के बाहर वायरक्रेट लगाने के सख्त आदेश दिए गए है यदि कंपनी नियमों की धज्जियां उड़ाती है या डम्पिंगयार्ड से बाहर मलवा डालती है तो निश्चित तौर पर कार्यवाही अम्ल में लाई जाएगी।
आरजीवी कम्पनी मैनेजर राहुल कुमार डे ने मामले पर बताया कि कंपनी नियमानुसार कार्य कर रही है। जहां सरकार ने डम्पिंगयार्ड चिन्हित किये है वह वही मलवा डम्प कर रहे है वायरक्रेट लगाए जा रहे है जहाँ अधिक समस्या है वहाँ कम्पनी अच्छा कार्य करेगी, कम्पनी का कार्य क्षेत्र का विकास करना है यदि किसानों बागवानों को समस्या आती है तो डम्पिंगयार्ड से बाहर कम्पनी मलवा डम्प नही करेगी।