शिमला : नए खुले या अपग्रेडेड स्कूलों में जीरो एडमिशन या कम एडमिशन के आधार पर डी नोटिफिकेशन होगी। कैबिनेट ने इन स्कूलों को लेकर फार्मूला और शेड्यूल तय कर दिया है। बोर्ड की परीक्षाओं और परीक्षा ड्यूटी पर तैनात शिक्षकों के कारण इन स्कूलों को 31 मार्च 2023 तक का वक्त दिया गया है। इसके बाद इन्हें डिनोटिफाई कर दिया जाएगा।
पूर्व जयराम सरकार के समय आखिरी के 4 या 5 महीनों में करीब 380 स्कूल में खोले गए थे। इनमें से अधिकांश अपग्रेडेड स्कूल थे। इन स्कूलों में से करीब 200 ऐसे हैं, जहां एडमिशन ही नहीं हुई है। इन्हें डिनोटिफाई किया जा रहा है। बाकी स्कूलों में एडमिशन कम है। सिर्फ 21 फ़ीसदी स्कूल ऐसे हैं, जहां संतोषजनक एडमिशन हुई है। ऐसे में कैबिनेट ने इन्हें लेकर भी फार्मूला पारित कर दिया है।
नए प्राइमरी स्कूलों में यदि 10 से कम बच्चे होंगे, तो वह आगे नहीं चलेगा। इसी तरह मिडिल स्कूलों के लिए 15 और हाई स्कूलों के लिए 20 की शर्त लगाई गई है। सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के लिए 25 से ऊपर की संख्या होना जरूरी है। यह फार्मूला पुराने स्कूलों के लिए नहीं है, जो पूर्व सरकार में अपग्रेड नहीं हुए हैं। उनके लिए अलग से निर्णय होगा।
जहां तक नए डिग्री कॉलेजों की बात है, तो इसमें कैबिनेट ने एक संशोधन किया है। नए कॉलेजों को चलाने के लिए जहां पहले 75 एडमिशन की संख्या मापदंड के रूप में रखी गई थी, अब उसे कम करके 65 कर दिया गया है। इस मापदंड में संशोधन के कारण सिराज विधानसभा क्षेत्र के छतरी में खुला डिग्री कॉलेज अब बंद नहीं होगा। जयराम सरकार के आखिरी साल में खुले 23 डिग्री कॉलेजों में से सिर्फ चार ही आगे कंटीन्यू करेंगे। इनमें बनीखेत, कुपवी, नोहराधार और छतरी शामिल हैं। बाकी कॉलेजों से तैनात स्टाफ को अन्य जगह बदला जा रहा है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट ने नए स्कूलों को लेकर फार्मूला तय कर दिया है और अब दोनों शिक्षा निदेशकों को इस फार्मूले के अनुसार आगे कार्यवाही करने को कहा गया है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि अभी बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं और कुछ शिक्षकों की ड्यूटी भी बोर्ड एग्जाम में लगी है। इसलिए डी नोटिफिकेशन 31 मार्च 2023 के बाद होगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अब सिर्फ गुणवत्ता पर फोकस कर रही है और इसके लिए अगली कड़ी में युक्तिकरण पर भी ध्यान दिया जाएगा।