Nahan शहर में नहीं है एक भी शिया परिवार, सुन्नी समुदाय के लोग कई सालों से पेश कर रहे अनोखी मिसाल
Nahan शहर के कच्चा टैंक जामा मस्जिद ताजिया घर में मोहर्रम को लेकर ताजिया को सजाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। ताजिया को सजाने में सैयद असलम, शहीद अली, सैयद नावेद, लतीफ़ राव, सोनी अरसद, इश्फाक, वसीम, आदिल, शानू, शोएब और सभी कमेटी सदस्य मौजूद रहे। आगामी 17 जुलाई को मोहर्रम पर ताजिऐ निकाले जायेंगे।
गौरतलब है कि मुहर्रम महीने की 10 तारीख हजरत इमाम हुसैन की शहादत का दिन याद करवाती है। इस माह की पहली तारीख से इस्लाम वर्ष प्रारंभ होता है। यहां कबीले जिक्र है कि मुहर्रम का पर्व शिया समुदाय मनाता है, परंतु नाहन में रियासतकाल से सुन्नी समुदाय मुहर्रम की परंपरा पूरी कर रहा है। मुहर्रम एक गम व मातम का महीना है।
Nahan शहर में मोहल्ला हरिपुर, गुन्नूघाट, रानीताल से चार ताजिए शहर भर के भ्रमण पर निकलते है। चारों ताजिये कच्चा टैंक, गौरा भवन, रानीताल से होते हुए जामा मस्जिद पहुंचते है जहां पर सूर्यास्त होने पर ताजियों का जुलूस समाप्त किया जाता है।
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गौरतलब है कि नाहन शहर में एक भी शिया परिवार नहीं है। सुन्नी समुदाय के लोग कई सालों से यह अनोखी मिसाल पेश कर रहे हैं। शहर के चार मोहल्लों हरिपुर, गुन्नूघाट, रानीताल और कच्चा टैंक में सुन्नी समुदाय के लोग मुहर्रम से दस दिन पहले ही ताजिये बनाने शुरू कर देते हैं। दिन-रात काम करने के बाद आकर्षक ताजिये तैयार होते हैं।