डेस्क: जयपुर- मुंबई एक्सप्रेस में गोलीबारी कर चार लोगों की जान लेने वाले आरपीएफ कांस्टेबल ने पुलिस को काफी गुमराह करने की भी कोशिश की। मामले की जांच कर रहे जीआरपी के अधिकारियों को उसने अलग-अलग बयान देकर उलझाने का प्रयास किया था। फिर चाहे वो डिप्रेशन वाला बयान हो, ट्रांसफर वाली बात। चेतन ने पुलिस को एक और बयान दिया था। एक पुलिस अधिकारी की मानें तो चेतन को गिरफ्त में लेते ही वह जवानों को कहने लगा कि कोच में जब वह सो रहा था, तो उसके पिता सपने में आए थे। उन्होंने कहा कि जो भी तुम्हारे रास्ते में आए, उसे खत्म कर दो। अब तुम्हारा इस दुनिया में काम खत्म हो गया है। हालांकि, चेतन की इस बात की पुष्टि आधिकारिक तौर पर नहीं हुई है, लेकिन डीसीपी संदीप भाजीभाकरे ने मीडिया से कहा है कि प्रथम दृष्टया आरोपी चेतन मानसिक रूप से बीमार इंसान है।
जब चेतन सिंह को देखकर पीछे हट गए थे पुलिसकर्मी
जयपुर से मुंबई आ रही सुपरफास्ट ट्रेन में फायरिंग करने वाले आरोपी चेतन सिंह के हाथ में एके-47 रायफल भी थी। वेस्टर्न रेलवे के मीरा रोड और दहिसर के बीच में ट्रेन के पहुंचने के दौरान बोरीवली जीआरपी की टीम उसे पकड़ने निकल गई थी। दूसरी तरफ भाईंदर आरपीएफ के जवान भी सिपाही को पकड़ने में जुट गए। आरोप है कि अपने साथी जवानों को देखते ही चेतन ने उन पर भी रायफल तान दी और सामने से हट जाने के लिए कहा। सूत्र बताते हैं कि चूंकि, चेतन के हाथ में एके-47 थी, इसलिए उसे पकड़ने गए जवान एकबारगी डर गए और पीछे हट गए।
आत्महत्या करना चाहता था चेतन?
स्टेशन पर मौजूद जवानों ने देखा कि कुछ दूरी पर दहिसर की तरफ से एक लोकल ट्रेन आ रही थी। लोकल ट्रेन देखते ही चेतन सिंह ने रायफल फेंक दी और पटरियों पर ट्रेन की तरफ दौड़ने लगा। जैसे ही उसके हाथ से एके-47 रायफल छूटी, दूसरी तरफ से आ रहे बोरीवली जीआरपी के जवानों ने उसे पकड़ लिया। ऐसे में यह सवाल भी है कि क्या इतने लोगों की हत्या के बाद चेतन लोकल ट्रेन के आकर आत्महत्या करना चाहता था?