डेस्क: मोनू मानेसर पर आरोप है कि उसने नासिर और जुनैद की हत्या की है। दोपहर करीब 12 बजे सिविल ड्रेस में आए पुलिसवाले मोनू को अपने साथ लेकर गए है। हरियाणा पुलिस उसे राजस्थान पुलिस को सौंपेगी। मोनू के परिजनों का कहना है कि पुलिस उसे अपने साथ ले गई है।
हरियाणा के भिवानी जिले में 16 फरवरी को बोलेरो गाड़ी में 2 जली हुई लाशें मिली थीं। ये लाशें राजस्थान के गोपालगढ़ घाटमिका गांव के रहने वाले जुनैद और नासिर की थीं। जांच में पता चला कि उन्हें हरियाणा के कुछ गौरक्षकों ने मिलकर किडनैप किया। फिर दोनों को भिवानी के लोहारू में बोलेरो गाड़ी में जिंदा जला दिया। इसमें कई गौरक्षकों के नाम सामने आए थे। जिसमें सबसे प्रमुख नाम मोनू मानेसर उर्फ मोहित यादव का था।
राजस्थान पुलिस कर रही थी तलाश
मोनू मानेसर नासिर-जुनैद हत्याकांड में वांटेड था और राजस्थान पुलिस तलाश में जुटी हुई थी। पुलिस मोनू को फरार बता रही थी। लेकिन, पुलिस का मोनू मानेसर में बिल्कुल भी खौफ नहीं थी। मेवात इलाके में होने वाली एक महारैली में शामिल होने का सभी को न्योता दिया था। मैं खुद भी इस रैली में शामिल होने की बात कही थी।
नूंह में हिंसा भड़काने का आरोप
नूंह में ब्रजमंडल शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा के लिए भी मोनू मानेसर का जिम्मेदार ठहराया गया था। इस शोभायात्रा से पहले मोनू ने एक वीडियो जारी किया था। जिसमें उसके कहा था कि वो भी इस यात्रा में शामिल होगा। इस बात से मेवात के कुछ लोग नाराज थे। कुछ लोगों का कहना था कि यही वजह थी नूंह में शोभायात्रा के प्रवेश करते ही पत्थरबाजी और फायरिंग की गई थी।