रविवार को राष्ट्रपति भवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में मोदी की नई मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे नजर आए। इस बार भाजपा ने सहयोगी दलों के कई नए नेताओं को जगह दी है। इसके अलावा, कई पुराने मंत्रियों को हटाकर भाजपा के कई सांसदों को पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
रविवार को कुल 30 कैबिनेट मंत्री और 36 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें से 5 ने स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री के रूप में शपथ ली। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और मंड्या के जेडीएस सांसद एचडी कुमारस्वामी, और गया के सांसद जीतनराम मांझी ने पहली बार कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
इसके अलावा, सुंदरगढ़ के भाजपा सांसद जुएल ओराम, बिहार के जेडीयू सांसद ललन सिंह, टीडीपी सांसद राम मोहन नायडू, एलजेपी सांसद चिराग पासवान, और करीमनगर के भाजपा सांसद संजय कुमार ने मंत्री के रूप में शपथ ली। पहली बार मंत्री बनने वालों में जेडीयू के रामनाथ ठाकुर, भाजपा के सुरेश गोपी, शिवसेना के प्रताप राव यादव, भाजपा के वी सोमन्ना, बंगाल के भाजपा सांसद सुकांत मजूमदार, और भाजपा के रक्षा खड़से, रवीनीत सिंह बिट्टू, अजय टम्टा, जितिन प्रसाद, हर्ष माल्होत्रा, और अन्नपूर्णा देवी शामिल हैं। पश्चिम बंगाल से केंद्रीय राज्य मंत्री बने सुकांत मजूमदार और शांतनु ठाकुर। हालांकि, किसी का विभाग अभी तक तय नहीं हुआ है। खबर के अनुसार मंगलवार को दफ्तर बांटे जाएंगे।
इस नई मंत्रिमंडल में कई पुराने नेता नहीं होंगे। इनमें स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर, राजीव चंद्रशेखर, और नारायण राणे जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करने के पीछे भाजपा की रणनीति साफ दिखाई देती है। पार्टी नए और युवा नेताओं को जिम्मेदारी देकर एक नई दिशा देने की कोशिश कर रही है। सहयोगी दलों के नेताओं को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने से गठबंधन में मजबूती आने की उम्मीद है।
मंत्रिमंडल में बदलाव के साथ भाजपा ने अगले चुनावों को ध्यान में रखते हुए एक मजबूत टीम बनाने की कोशिश की है। नए मंत्री अब अपनी जिम्मेदारियों को संभालेंगे और देश के विकास के लिए काम करेंगे। इन बदलावों से पार्टी के भीतर भी नई ऊर्जा का संचार होने की संभावना है। अब देखना होगा कि ये नए मंत्री अपनी नई जिम्मेदारियों को कैसे निभाते हैं और देश के विकास में कितना योगदान दे पाते हैं।