HomeOnline Quizस्वास्थ्यशिक्षा/नौकरीराजनीतिसंपादकीयबायोग्राफीखेल-कूदमनोरंजनराशिफल/ज्योतिषआर्थिकसाहित्यदेश/विदेश

----

मिजोरम: 1 ही परिवार के 6 लोगों की मौत, 23 जान लेने वाले पुल हादसे का दर्द आपको भी रुला देगा

By Sushama Chauhan

Verified

Published on:

Follow Us

डेस्क: पिछले साल 30 जून को मणिपुर के नोनी जिले में एक दर्दनाक हादसा हुआ था। लैंडस्लाइड ने एक निर्माणाधीन पुल रेलवे यार्ड और एक प्रादेशिक सेना चौकी को दफन कर दिया था। इस हादसे में 50 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद बुधवार को मिजोरम में दूसरी इतनी बड़ी त्रासदी हुई है, जिसमें अब तक 26 लोगों की मौत हो गई है। पूर्वोत्तर में एक रेलवे निर्माण स्थल पर हुए हादसे में यह दूसरी बड़ी घटना है। मिजोरम पुल हादसे में मारे गए 23 मजदूर बंगाल के रहने वाले थे। यह हादसा एक परिवार को सबसे ज्यादा दर्द दे गया। एक ही परिवार के छह सदस्यों की मौत हुई है। यह परिवार मालदा के पुखुरिया का रहने वाला है।

इलाके के एक निवासी मोहिदुर रहमान ने कहा, ‘हमारे पास यहां ज्यादा काम नहीं है, इसलिए हमें अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर कहीं और जाना पड़ता है।’ गांव में मौतों की खबर आई तो मातम छा गया।

परिवार में छाया मातम

मालदा के इंग्लिश बाजार अनुमंडल के चौदुआर में, सेनाउल हक (55) की मृत्यु की खबर आने पर पड़ोस में मातम छा गया। सेनाउल हक रेलवे ब्रिज पर लोहे की छड़ लगाने में विशेषज्ञ थे। नरहट्टा में एक फास्ट-फूड आउटलेट चलाने वाले मोजिबुर रहमान ने कहा, ‘मेरे पिता को कुछ दिनों में घर लौटना था। मैंने उनसे कहा था कि आजीविका के लिए अब तक बाहर जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। वह मेरे व्यवसाय में मेरी मदद कर सकते हैं, जो अच्छा चल रहा है। , ‘हमने कल से ठीक एक दिन पहले फोन पर इस बारे में बात की थी।’

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

बीमार पिता का इलाज कराना चाहता था लेकिन…

मृतकों में 18 वर्षीय असीम अली भी था। वह अपने दो चाचाओं के साथ काम करने के लिए मिजोरम गया था। पिता की बीमारी और इलाज के लिए उसने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी थी। वह अपने दो छोटे भाई-बहनों को शिक्षित कराने के लिए कमाई कर रहा था। असीम अली के साथ उनके चाचा सरिफुल एसके और सकिरुल एसके की भी मृत्यु हो गई है।

मिजोरम से मालदा जाएंगे शव

यंग मिजो एसोसिएशन ने मृतक के लिए ताबूत दान किए। राज्य सरकार ने कहा, ‘शवों पर लेप लगाया जाएगा और पीड़ितों के संबंधित गांवों में ले जाने के लिए रेलवे को सौंप दिया जाएगा।’ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों को 2 लाख रुपये और मामूली चोटों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

--advertisement--

रेलवे का काम जारी

सभी पूर्वोत्तर राजधानी को रेल से जोड़ने की राष्ट्रीय परियोजना का काम चल रहा है। अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र के सबसे ऊंचे पुलों में से एक माने जाने वाले साईरंग जीरो पॉइंट पर पुल संख्या 196 के घाटों की ऊंचाई 70 मीटर से अधिक है और 104 मीटर की ऊंचाई वाला एक घाट कुतुब मीनार से 42 मीटर लंबा है। यह पुल 51.38 किलोमीटर लंबे बैराबी (असम-मिजोरम सीमा पर)-सैरंग रेल मार्ग पर है जिसका निर्माण पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे द्वारा किया जा रहा है।

एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे ने कहा कि बचाव अभियान और एक साथ जांच चल रही है। उन्होंने कहा, ‘हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि ठेकेदार कैसे विफल हुए और साइट पर कौन काम कर रहे थे। पुल क आईआईटी गुवाहाटी ने प्रूफ-चेक किया गया है।’