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9 फरवरी को है मौनी अमावस्या, किन बातों का रखें ध्यान, जानें क्या करें, क्या न करें

By Sandhya Kashyap

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Summary

माघ अमावस्या को मौनी अमावस्या (Moni Amavasya) कहते हैं जो इस वर्ष 9 फरवरी 2024 को है। इस दिन कुछ खास काम करने से जीवन में हर मोड़ पर सफलता, सुख, समृद्धि मिलती है। वहीं कुछ ऐसे काम भी हैं जो भूलकर भी नहीं करना चाहिए नहीं तो वंश पर ...

विस्तार से पढ़ें:

माघ अमावस्या को मौनी अमावस्या (Moni Amavasya) कहते हैं जो इस वर्ष 9 फरवरी 2024 को है। इस दिन कुछ खास काम करने से जीवन में हर मोड़ पर सफलता, सुख, समृद्धि मिलती है। वहीं कुछ ऐसे काम भी हैं जो भूलकर भी नहीं करना चाहिए नहीं तो वंश पर बुरा असर पड़ता है।

 

9 फरवरी को है मौनी अमावस्या, किन बातों का रखें ध्यान, जानें क्या करें, क्या न करें

मौनी अमावस्या (Moni Amavasya) पर क्या करें : इस दिन मौन रखने वालों को तन-मन दोनों की शुद्धता प्राप्त होती है। शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है। मौन रहकर व्यक्ति खुद को अच्छी तरह समझने में कामयाब होता है इसलिए इस दिन मौन व्रत का विशेष महत्व है। 

जिसकी कुंडली में पितृ दोष हो तो वह मौनी अमावस्या (Moni Amavasya) पर ज्योतिष की सलाह लेकर पितृ दोष निवारण यंत्र स्थापित करें।  ये यंत्र पितृ दोष के दुष्प्रभावों में कमी लाने के लिए अत्यंत लाभकारी है। इसके प्रभाव से धन, संतान, पारिवारिक जीवन में आ रही परेशानियां दूर होती है। 

मौनी अमावस्या (Moni Amavasya) पर गंगा जल से स्नान, तेल का दान, शिव जी का अभिषेक, पितरों का तर्पण आदि धार्मिक कार्य बहुत फलदायी माने गए हैं। मौनी अमावस्या (Moni Amavasya) पर पीपल को दूध, जल, काले तिल से सींचने पर पितृ प्रसन्न होते हैं। इस दौरान शनि रक्षा स्तोत्र का पाठ करें। इससे शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं जीवन में आर्थिक स्थिति बेहतर होती है। 

मौनी अमावस्या (Moni Amavasya) पर क्या न करें

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जिन लोगों ने मौनी अमावस्या (Moni Amavasya) पर मौन व्रत धारण किया है वह इस दिन कुछ भी बोलें नहीं। एकांत में रहकर मुनियों जैसा आचरण करें, साथ ही विचारों में भी शुद्धता रखें तभी ये फल देगा। तामसिक भोजन न खाएं. इससे दोष लगता है। (Moni Amavasya) अमावस्या पूर्वजों को समर्पित है इसलिए ब्रह्मचर्य का पालन करें, कोई नया कार्य, मांगलिक काम या फिर भूमि, वाहन, आदि न खरीदें।    

नोट : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि अखंड भारत किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.