सोलन में एक कंपनी का लाइसेंस रद्द, सिरमौर में कार्रवाई की तैयारी
मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सुंदरनगर में नकली और जहरीली शराब से सात लोगों की मौत के बीच जिला मंडी में शराब के एक बाटलिंग प्लांट में हजारों लीटर स्प्रिट रिकॉर्ड से गायब पाया गया है। आबकारी एवं कराधान विभाग ने कुछ दिन पहले औचक निरीक्षण के दौरान यह मामला पकड़ा है। विभाग को सूचना थी कि वहां पर तय नियमों की अनदेखी करते हुए शराब के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्पिरिट का रिकॉर्ड नहीं रखा जा रहा है। विभाग के एक विशेष दस्ते ने 18 जनवरी को कार्रवाई करते हुए बॉटलिंग प्लांट की जांच शुरू की। इसमें पाया कि शराब बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला स्प्रिट रिकॉर्ड से लगभग 11000 लीटर कम है। दूसरी तरफ, शराब के इस्तेमाल में होने वाला ब्लेंड 7000 लीटर अधिक पाया गया है।
बॉटलिंग प्लांट के कर्मी इस संबंध में कोई भी जानकारी नहीं दे पाया कि स्प्रिट का इस्तेमाल कहां किया है, जबकि स्प्रिट की एंट्री प्लांट के रिकॉर्ड में दर्ज की गई है, लेकिन उसकी खपत के बारे में किसी तरह का भी रिकॉर्ड नहीं रखा गया है जो नियमों के विपरीत है। आबकारी एवं कराधान विभाग के संयुक्त निदेशक उज्ज्वल राणा ने बताया कि इसकी रिपोर्ट बनाकर आगामी कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को भेज दी है। आंकड़े को पेटियों की संख्या में तब्दील करें तो 5 हजार से अधिक देसी शराब की पेटियां इस स्प्रिट से बन सकती हैं। विभाग ने आशंका जाहिर की है कि स्पिरिट व ब्लेंड का इस्तेमाल शराब बनाने के लिए किया गया है, लेकिन उसके लिए टैक्स सरकार को नहीं चुकाया गया है। इससे सरकार को भी लाखों के राजस्व का चूना लगा है।
आबकारी एवं कराधान विभाग के आयुक्त यूनुस खान ने बताया कि पिछले कुछ समय से विभाग विभिन्न बॉटलिंग प्लांट्स की जांच कर रहा है। अनियमितता के चलते अभी एक सप्ताह पहले ही सोलन में एक बड़ी कंपनी के खिलाफ कंपनी का लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की गई है। सिरमौर में भी एक प्लांट के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। मामला जांचने के बाद मंडी जिला के बाटलिंग प्लांट के खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई होगी।