पश्चिम बंगाल राज्य सचिवालय में गुरुवार, 12 सितंबर 2024 को राज्य के अस्पतालों के हड़ताली डॉक्टर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात करने पहुंचे, लेकिन उन्होंने सभागार में जाने से मना कर दिया।
डॉक्टरों का कहना था कि बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग होनी चाहिए ताकि पारदर्शिता बनी रहे, लेकिन सरकार ने इसे मना कर दिया। सरकार ने कहा कि यह मामला आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या से जुड़ा है, जो कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए इसे लाइव प्रसारित नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय के नबन्ना सभाघर में दो घंटे तक डॉक्टरों का इंतजार किया। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, “मैंने जूनियर डॉक्टरों से बात करने की पूरी कोशिश की और तीन दिन तक अपने सबसे बड़े अधिकारियों के साथ इंतजार किया।”सुश्री बनर्जी ने कहा कि वह डॉक्टरों को हड़ताल खत्म करने के लिए आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (Essential Services Maintenance Act) का इस्तेमाल नहीं करेंगी, बल्कि उनसे काम पर लौटने की अपील करेंगी।
उन्होंने यह भी बताया कि हड़ताल के कारण पिछले एक महीने में सात लाख मरीजों में से 27 की मौत हो चुकी है।मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि हड़ताल करने वाले डॉक्टर न्याय नहीं, बल्कि उनकी “कुर्सी” चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर लोगों के हित में हुआ, तो वह इस्तीफा देने में पीछे नहीं हटेंगी।