महाराष्ट्र और झारखंड में वोटों की गिनती जारी है, और दोनों राज्यों में बीजेपी-नेतृत्व वाले NDA और INDIA गठबंधन के बीच संघर्ष तेज़ हो गया है। महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन ने विपक्षी महा विकास आघाड़ी (MVA) को पीछे छोड़ते हुए बड़ी बढ़त बना ली है। यह बढ़त आधे आंकड़े को पार करने में सक्षम रही है, जिससे देवेंद्र फडणवीस की मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं मजबूत होती दिख रही हैं। फडणवीस ने इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए उनकी मशहूर नारा “एक हैं तो सुरक्षित हैं” को इसका मुख्य कारण बताया।
वहीं, झारखंड में बीजेपी को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी ने अपनी चुनावी प्रचार में “घुसपैठियों” को राज्य के जनसंख्या और संसाधनों पर कब्जा करने का आरोप लगाया था, लेकिन इसके बावजूद INDIA गठबंधन ने मजबूती से अपनी पकड़ बनाई है। खासकर अनुसूचित जनजाति (ST) के आरक्षित सीटों पर विपक्ष ने अपनी स्थिति मजबूत की है। बीजेपी का झामुमो नेता चंपई सोरेन को अपने पाले में लाने का प्रयास भी विफल हो गया है।
इन परिणामों का बीजेपी के लिए महत्व बहुत है। महाराष्ट्र में जीत से पार्टी के मनोबल को एक बड़ा झटका लगा है, खासकर पिछले लोकसभा चुनावों में मिले नुकसान के बाद। वहीं, झारखंड में हार विपक्ष के लिए एक अहम बढ़त साबित हो सकती है, जिससे “बीजेपी का पतन” का संदेश और मजबूत हो सकता है। यह हार भारत की राजनीति में आने वाले चुनावों के लिए विपक्ष के हौंसले को और बढ़ा सकती है, जिससे आगामी चुनावों में उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
हालांकि, बीजेपी को महाराष्ट्र में मिली जीत से राज्य में उनकी पकड़ मजबूत हुई है, वहीं झारखंड में हार ने उनकी स्थिति को चुनौती दी है। इन चुनाव परिणामों से यह भी स्पष्ट होता है कि दोनों राज्यों में बीजेपी को जनता के विश्वास और समर्थन को बनाए रखने में कड़ी मेहनत करनी होगी।