नादौन : मौत के बाद भी 2 लोगों का जीवन रोशन कर गई नादौन की मधु जैन। शुक्रवार देर शाम उनका देहांत हुआ और परिजनों ने उनकी आंखें दान देने का निर्णय लिया। इसके बाद हमीरपुर आई कलैक्शन सैंटर से आई चिकित्सकों की टीम ने मधु जैन के घर पहुंच कर पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया। सैंटर बनने के बाद जिला का यह प्रथम मामला है जब आंखों को इस तरह सुरक्षित निकाला गया हो, वहीं घर जाकर आप्रेशन करके आंखें सुरक्षित निकालने का भी यह प्रथम मामला है। गौर हो कि शुक्रवार देर शाम शहर के वार्ड 3 निवासी प्रसिद्ध व्यवसायी जिनेंद्र जैन की 65 वर्षीय पत्नी मधु जैन का अचानक असामयिक निधन हो गया।
रात करीब 10 बजे जिनेंद्र जैन, उनके पुत्र स्वीकार जैन, पुत्री शैफाली जैन व पुत्रवधू शालिनी जैन ने निर्णय लिया कि मधु जैन की आंखें वह लोग दान करना चाहते हैं। उन्होंने प्रसिद्ध सामाजिक संस्था नादौन केयर फाऊंडेशन के पदाधिकारी उदय जैन से संपर्क किया। रात करीब 12 बजे उदय जैन ने जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आरके अग्निहोत्री से संपर्क किया, जिनकी सूचना पर आई कलैक्शन सैंटर के प्रभारी डाॅ. अनिल वर्मा ने डाॅ. मुक्ता की अगुवाई में एक टीम को नादौन के लिए रवाना कर दिया।
रात करीब 1 बजे डाॅ. मुक्ता की टीम ने आप्रेशन आरंभ किया और डेढ़ घंटे के बाद आंखों को सुरक्षित निकाल लिया गया। पूरी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद रात 3 बजे यह विशेष टीम आंखें लेकर वापस हमीरपुर चली गई। पता चला है कि जिला भर में यह अपनी तरह का पहला मामला है जिसमें घर जाकर यह प्रक्रिया पूर्ण की गई है। इसके बाद शनिवार को सैंकड़ों नम आंखों ने मधु जैन को अंतिम विदाई दी। उनकी पार्थिव देह को उनके बेटे स्वीकार जैन ने मुखाग्नि दी। उनके पुत्र स्वीकार जैन ने चिकित्सा विभाग द्वारा आपात स्थिति में किए गए सहयोग के लिए चिकित्सकों व घर आई टीम का आभार व्यक्त किया।