निवासियों ने ज्ञापन मे मांग रखी है कि, यमुना घाट पर प्रशासन को स्नानघर की व्यवस्था करनी चाहिए, महिलाओं और पुरुषों के लिए कम से कम दो स्नानघर होने चाहिए, इनके अतिरिक्त नदी में नहाने वाले लोगों के लिए चैन की व्यवस्था होना जरूरी है
पावटा साहिब: यमुना नदी में नहाने के बहाने हो रही दुर्घटनाओं ने पावटा साहिब को झझोड़ दिया है। बीते कुछ सालों से यमुना घाट पर लगातार पानी में डूबने से मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। यमुना घाट पर अभी तक लगभग 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। जिसपर प्रशासन का उदासीन रवैया देखकर स्थानीय निवासियों ने उपमंडल अधिकारी को ज्ञापन सौपकर यमुना घाट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग रखी है।
स्थानीय निवासियों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग रखी है कि, यमुना घाट पर हर दिन सैकड़ों सैलानी पहुंचते है। सैलानियों के अतिरिक्त वह लोग अधिक पहुंचते है, जिन्होंने यमुना नदीं में स्नान करना होता है। और पूर्वजों द्वारा यमुना नदी पर गहरी आस्था के प्रण को पूर्ण करना होता है। लेकिन अपनी इच्छाएं पूर्ण करने पहुंच रहे लोगों को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने के कारण अपनी जिन्दगी से हाथ धोने पड़ते है। गर्मियों के मौसम में अक्सर यमुना घाट पर नहाते समय लोगों को धोखा लग रहा है।
पावटा साहिब निवासियों ने मांग रखी है कि, यमुना घाट पर प्रशासन को स्नानघर की व्यवस्था करनी चाहिए। महिलाओं और पुरुषों के लिए कम से कम दो स्नानघर होने चाहिए। इनके अतिरिक्त नदी में नहाने वाले लोगों के लिए चैन की व्यवस्था होना जरूरी है। ताकि पांव फिसलने या पानी में गिरने से लोग चैन के माध्यम से खुद को सुरक्षित कर सकें। और पानी के भंवर वाले क्षेत्र में लोगों को नहाने न दिया जाए। यमुना घाट पर गोताखोर टीम हमेशा उपलब्ध होनी चाहिए। ताकि आपातकाल स्तिथि में व्यक्तियों को पानी में डूबने से बचाया जा सकें।
उलीखनीय है कि इससे पहले कई बार स्थानीय लोग प्रशासन को यमुना घाट पर सुरक्षा व्यवस्था की मांग कर चुके है। लेकिन पावटा प्रशासन ने अभी तक पुख्ता इंतजाम नहीं किए है। और प्रशासन की लापवाही लोगों की जिंदगियों पर भारी पड़ रही है। हालांकि विभाग ने नोटिस बोर्ड पर मृतकों की सूची और नोटिस जरूर चस्पान किया है। लेकिन इतनी व्यवस्थाएं बाहरी लोगों के लिए नाकाफी है। अब देखना यह होगा की कुंभकर्णी नीद सोया प्रशासन लोगों के ज्ञापन देने से कितनी देर बाद जांगता है। और यमुना घाट पर उचित व्यवस्था के लिए कितना जल्दी उचित कदम उठाता है।