HomeOnline Quizस्वास्थ्यशिक्षा/नौकरीराजनीतिसंपादकीयबायोग्राफीखेल-कूदमनोरंजनराशिफल/ज्योतिषआर्थिकसाहित्यदेश/विदेश

आईएसआई के लिए जासूसी करने वालों को उम्रकैद की सजा, सेशंस कोर्ट ने कहा, ऐसे लोग चले जाएं पाकिस्तान

By Sushama Chauhan

Published on:

Summary

डेस्क: पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले तीन आरोपियों को अहमदाबाद की सत्र अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनवाई है। इनमें दो युवक अहमदाबाद और एक युवक जोधपुर का रहने वाले है। अदालत ने तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कड़ी टिप्पणियां कीं। अतरिक्त प्रधान ...

विस्तार से पढ़ें:

डेस्क: पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले तीन आरोपियों को अहमदाबाद की सत्र अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनवाई है। इनमें दो युवक अहमदाबाद और एक युवक जोधपुर का रहने वाले है। अदालत ने तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कड़ी टिप्पणियां कीं। अतरिक्त प्रधान न्यायधीश अंबालाल पटेल (additional sessions judge Ambalal Patel) ने कहा कि इन्हें देश के 140 करोड़ लोगों की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है। इनमें पाकिस्तान के प्रति प्रेम दिखता है। कोर्ट ने यहा भी कहा कि पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वालों को अपनी मर्जी से देश छोड़ देना चाहिए।

सैन्य ठिकानों की जासूसी
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने 2012 में भारतीय सैन्य ठिकानों से जुड़ी जानकारी आईएसआई (ISI) के एजेंटों को भेजने के आरोप में सिराजुद्दीन उर्फ करामत अली फकीर (24), मोहम्मद आयूब शेख (23) और नौशाद अली को अरेस्ट किया था। इसके बाद पुलिस ने इन तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 121(सरकार के खिलाफ युद्ध का ऐलान), 121ए (आपराधिक षडयंत्र),आईटी एक्ट की घारा 66 एफ और ऑफिशयल सीक्रेट एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया था। इन पर आरोप था कि अहमदाबाद और गांधीनगर में मौजूद सैन्य अड्‌डों से जुड़ी खुफिया जानकारी आईएसआई को भेजी। क्राइम ब्रांच ने सिराजुद्दीन और आयूब को 14 अक्तूबर, 2012 को अरेस्ट किया था। इसके बाद जोधपुर निवासी नौशाद को जोधपुर सैन्य छावनी और बीएसएफ से जुड़ी सूचनाएं देने के आरोप में 2 नवंबर को अरेस्ट किया था। इसमें मामले में जामनगर से एक संदिग्ध आईएसआई एजेंट को भी पकड़ा गया था। जो ट्रायल के दौरान सबूतों के अभाव में बरी हो गया था। बाद में वह सरकारी गवाह बना गया था।

फांसी की मांग ठुकराई
आईएसआई के लिए जासूसी करने के इस मामले में कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। अतरिक्त प्रधान न्यायधीश अंबालाल पटेल ने अभियोजन की उस मांग को खारिज कर दिया। जिसमें तीनों आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग की गई थी। जस्टिस पटेल ने कहा कि यह मामला रेयररेस्ट ऑफ द रेयर की श्रेणी में नहीं आता है। सैन्य ठिकानों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी आईएसआई को भेजने पर इन्हें बदले में साऊदी अरब से रुपये मिलते थे।

ओएसए के तहत पहली सजा
इस मामले में सरकारी वकील भरत पटणी ने बताया कि गुजरात में ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट (Official Secrets Act) के तरह पहली बार सजा दी गई है। पटणी ने बताय कि इस एक्ट के तहत दोषियों को 14 साल की सजा हुई है। हालांकि अलग-अलग धाराओं में मिली सजा एक साथ लागू होगी। पटणी ने बताया कि सिराजुद्दीन और आयूब अहमदाबाद के जमालपुर के रहने वाले हैं जबकि नौशाद राजस्थान के जोधपुर का निवासी है।

Sushama Chauhan

सुषमा चौहान, हिमाचल प्रदेश के विभिन्न प्रिंट,ईलेक्ट्रोनिक सहित सोशल मीडिया पर सक्रीय है! विभिन्न संस्थानों के साथ सुषमा चौहान "अखण्ड भारत" सोशल मीडिया पर मोजूदा वक्त में सक्रियता निभा रही है !