शिमला : एक से अधिक बार दवा के सैंपल फेल होने पर दवा कंपनियों के लाइसेंस रद्द होंगे। हाईकोर्ट के संज्ञान में सैंपल फेल होने का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने दावा किया है इसी कड़ी में तीन दवा कंपनियों को सील किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने शनिवार को सचिवालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि बद्दी में निर्मित कुछ दवाओं में मिलावट पाए जाने पर प्रदेश सरकार ने कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। कई दवा निर्माताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की है। गरीबों और आम मरीजों को गुणवत्ता वाली दवाएं उपलब्ध हों, इसके लिए भी सरकार जीरो टाॅलरेंस की नीति अपना रही है।
उन्होंने कहा कि संदिग्ध दवा निर्माताओं पर कार्रवाई करने के लिए ड्रग कंट्रोलर की अध्यक्षता में टीम बनाई गई है। जो समय-समय पर कंपनियों में छापेमारी कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश दवा उत्पादन में देश के तीसरे स्थान पर है। ऐसी स्थिति में हिमाचल में निर्मित कुछ दवा के सैंपल फेल होने व मिलावट के मामले सामने आना चिंता का विषय है। प्रदेश सरकार औषध जांच नियंत्रण प्रणाली के विस्तार पर भी विचार कर रही है। भविष्य में औषधियों की पूर्ण गुणवत्ता की प्रमाणिकता के लिए अत्याधुनिक तकनीक युक्त प्रयोगशाला स्थापित करने पर भी विचार किया जा रहा है, जिससे सभी अस्पतालों में अत्याधुनिक तकनीक और घर-द्वार गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं दी जा सकें। सरकार जन औषधियों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाएगी।