नाहन : भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के एजेंटस के स्वरोजगार पर डाका डालने की कोशिश की जा रही है। इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी आफ इंडिया(IRDAI) एलआईसी एजेंटस पर अपनी नीतियां थोपने की रणनीति बना रही है। ऐसे में देश भर के एलआईसी एजेंटस सितंबर माह से आंदोलन चलाए हुए हैं।
इसी कड़ी में लाइफ इंश्योरेंस एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के शिमला डिवीजन के कार्यकारी अध्यक्ष यशपाल ठाकुर की देखरेख में एजेंटों ने एडीसी सिरमौर मनीष यादव के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में मुख्यता 4 शीर्षकों के तहत एजेंटों की मांगों को रखा गया है जिसमे एलआईसी एजेंटों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने बारे। एलआईसी एजेंटों के वित्त मंत्रालय में लंबित पड़े मुद्दों पर चर्चा, पॉलिसी धारकों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा और आईआरडीएआई से संबंधित मुद्दों पर चर्चा।
उन्होंने कहा कि देश भर में 12 लाख से अधिक एलआईसी एजेंटस हैं, ऐसे में इनके परिवारों व आश्रितों को मिलाकर यह आंकड़ा करीबन एक करोड़ के लगभग पहुंचेगा।
केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2000 में गठित इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी आफ इंडिया (IRDAI) एजेंटस के के हितों पर डाका डाल रही है। एजेंटस की आय कम करने की योजना बनाई जा रही है। जबकि एजेंटस इसी स्वरोजगार से अपना परिवार चला रहे है। उन्होंने कहा कि IRDAI की योजना एजेंट्स के भविष्य और स्वरोजगार पर सीधा हमला है।