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इंटरव्यू छोड़ साउंड बॉक्स टेरने लगे एमएस धोनी, मैच के बाद क्यों दिखे परेशान

By Sushama Chauhan

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चेन्नई: एमएस धोनी को लेकर फैंस की दीवानगी सिर चढ़कर बोल रही है। वह जहां भी जाते हैं छा जाते हैं। पूर्व भारतीय कप्तान को हर कोई बाहें फैलाए स्वागत करता है। फैंस का मानना है कि धोनी अपना आखिरी आईपीएल सीजन खेल रहे हैं। यही वजह है कि जब भी धोनी मैदान पर पहुंचते हैं तो उनके नाम के जयकारे लगने लगते हैं।

कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ मैच के दौरान तो उस वक्त हद हो गई, जब मैच के बाद प्रेजेंटेशन के दौरान वह माइक पर थे और इतना शोर हो रहा था कि वह साइमन डूल की आवाज ही नहीं सुन पा रहे थे। मैच के बाद धोनी प्रेजेंटेशन के दौरान सवाल-जवाब के लिए उपलब्ध हुए तो प्रेजेंटर साइम डूल ने कुछ पूछा। इस दौरान शोर इतना था कि वह कुछ सुन ही नहीं पा रहे थे। इस पर धोनी स्पीकर की आवाज तेज करते हैं और फिर डूल के सवालों के जवाब देते हैं।

यहां रोचक बात यह है कि अक्सर मैच के खत्म होने के तुरंत बाद स्टेडियम पूरी तरह से खाली हो जाता है, लेकिन चेन्नई के मैच में ऐसा नहीं हो रहा है। फैंस देर तक रुके रहते हैं और जब टीमें रवाना होती हैं तब वे वापस जाते हैं। कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ 6 विकेट से गंवाने के बाद चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि जब उनकी टीम गेंदबाजी के लिए उतरी तभी उन्होंने अंदाजा लगा लिया था कि टीम को 180 के करीब रन बनाने चाहिए थे।

चेन्नई को छह विकेट पर 144 रन पर रोकने के बाद केकेआर ने 18.3 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल कर लिया। धोनी ने मैच के बाद प्रसारकों से कहा, ‘दूसरी पारी में जब हमने पहली गेंद फेंकी तभी हमें पता चल गया था कि हमें 180 के करीब रन बनाने चाहिए थे।’ उन्होंने हालांकि टीम की हार के लिए किसी खिलाड़ी पर दोष मढ़ने की जगह परिस्थितियों को जिम्मेदार बताया।

धोनी ने कहा, ‘हमारी गेंदबाजी के समय ओस ने बड़ा अंतर पैदा किया। हम वास्तव में अपने किसी भी गेंदबाज को दोष नहीं दे सकते। बस परिस्थितियों का खेल पर बड़ा प्रभाव पड़ा।’ धोनी ने इस मौके पर 34 गेंद में नाबाद 48 रन की पारी खेलने वाले शिवम दुबे और तीन विकेट लेने वाले दीपक चाहर की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘शिवम ने जो किया है उससे बहुत खुश हूं, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि वह संतुष्ट नहीं है और सुधार करता रहता है। दीपक चाहर गेंद को स्विंग करने में माहिर है। उसे पता होता है कि कहा गेंदबाजी करनी है, कहां क्षेत्ररक्षक है और वह उसी के अनुसार गेंदबाजी करता हैं।’