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आसान होगी जमीनों की खरीद-फरोख्त, वेबसाइट पर ऑनलाइन मिलेगा भूमि का ब्योरा

By Sushama Chauhan

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धांधलीयों पर अंकुश लगाने के लिए योगी सरकार भ्रष्टाचारियों सहित रजिस्ट्री विभाग की मिलीभगत रोकने के लिए मेप कर रही तेयार

उतर प्रदेश डेस्क: धांधलीयों पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने नई योजना तैयार की है। इसके तहत सभी जमीनों का नक्शा ऑनलाइन किया जा रहा है। ऐसे में अब जमीन का ब्यौरा जानने के लिए राजस्व कर्मियों और रेकॉर्ड रुम का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। राजस्व विभाग की वेबसाइट पर अपने जिले, तहसील का नाम और जमीन का अराजी नंबर डालने के बाद भूमि का नक्शा, खतौनी समेत पूरा ब्योरा सामने आ जाएगा।

धोखाधड़ी और जमीनी विवाद से लोगों को मुक्ति मिलेगी। जमीनों की खरीद करते समय सीधे-साधे लोग अक्सर बिना जांच-पड़ताल के संपत्ति खरीद लेते हैं। और जमीनों का फर्जीवाड़ा करने वालों का शिकार बन जाते हैं। ऐसे में न केवल उनकी जमापूंजी फंस जाती है बल्कि कब्जा और खारिज-दाखिल को लेकर लंबे वक्त तक मुकदमा और विवाद झेलना पड़ता है। इस योजना से न केवल लोगों को सहूलियत मिलेगी बल्कि मुकदमों का बोझ और विवाद भी कम होगा।

सूबे में जमीनी विवाद समाप्त करने और संपत्तियों की रजिस्ट्री के दौरान तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी दूर करने के लिए सिस्टम में बदलाव करने की कवायद शुरू कर दी है। नई योजना के तहत हर जमीन का रेकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है। किसी भी जमीन का पूरा ब्योरा जानने के लिए राजस्व विभाग की वेबसाइट पर जिला और तहसील का नाम डालने के बाद जमीन का आराजी नंबर डालते ही उस भूमि की खतौनी, नक्शा और वादग्रस्त स्थिति सामने आ जाएगी।

उक्त भूमि का एक दशक तक का पूरा इतिहास सामने आ जाएगा कि जमीन किसके नाम से है और पिछले 10 वर्षो के अंदर इस जमीन को किसने-किससे खरीदा है और किसने-किसको बेचा है तथा वर्तमान में यह जमीन किसके नाम से है? यह सिस्टम लागू हो जाने के बाद लोगों को नक्शे की प्रमाणित कॉपी के लिए रेकॉर्ड रूम का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। अब तक भू-माफियाओं द्वारा फर्जीवाड़ा कर एक ही अराजी नंबर की जमीन को कई लोगों को बेच दिया जाता था।

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जमीनी मामलों में भ्रष्टाचारियों सहित रजिस्ट्री विभाग के लोगों की भी मिलीभगत होती थी, जिसके चलते खारिज-दाखिल के दौरान खरीदार को न केवल काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था बल्कि लंबे वक्त तक न्यायालय का चक्कर काटना पड़ता था। अब इस नए सिस्टम से जमीनों के फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा और विवाद से भी मुक्ति मिलेगी।

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