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13 साल में ही ढ़ह गया कोटद्वार मालन नदी का पुल, PWD के अफसरों पर क्या गिरेगी गाज?

By Alka Tiwari

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kotdwar malan bridge

Summary

कोटद्वार। मालन पुल को 2010 में लोक निर्माण विभाग ने तैयार किया था। इसकी गुणवत्ता को लेकर उस समय भी सवाल खड़े हुए थे, लेकिन शासन-प्रशासन ने गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया। अब 13 साल में ही पुल के भरभराकर गिर जाने पर सवाल उठ रहे हैं। भाबर का संपर्क ...

विस्तार से पढ़ें:

कोटद्वार। मालन पुल को 2010 में लोक निर्माण विभाग ने तैयार किया था। इसकी गुणवत्ता को लेकर उस समय भी सवाल खड़े हुए थे, लेकिन शासन-प्रशासन ने गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया। अब 13 साल में ही पुल के भरभराकर गिर जाने पर सवाल उठ रहे हैं।

भाबर का संपर्क पूरी तरह से कट गया

लोग कार्यदायी संस्था की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। इससे पूर्व बीते वर्ष भी सुखरो नदी पर बना पुल का पिलर भी क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे वहां पर आवाजाही में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। यह बताना भी जरूरी है कि मालन पार दो दर्जन से अधिक गांव हैं, जहां पर सैकड़ों परिवार निवास करते हैं। वहां से तमाम लोग रोजगार के लिए कोटद्वार शहर में आते हैं। पुल ध्वस्त होने से कोटद्वार भाबर का संपर्क पूरी तरह से कट गया है।

दोषियों के खिलाफ करेंगे कड़ी कार्रवाई: ऋत

मालन नदी का पुल टूटने की खबर मिलते ही विधानसभा अध्यक्ष ऋतुखंडूड़ी भूषण नेप्र भावित इलाकों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी पाया जाएगा, कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये संकट का समय  है और सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा। उन्होंने वैकल्पिक मार्ग का भी निरीक्षण किया।

Alka Tiwari

अलका तिवारी, उत्तराखंड की वरिष्ठ महिला पत्रकार हैं। पिछले एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। प्रिंट मीडिया के विभिन्न संस्थानों के साथ ही अलका तिवारी इलेक्ट्रानिक मीडिया, दूरदर्शन व रेडियो में भी सक्रिय रहीं हैं। मौजूदा वक्त में डिजिटल मीडिया में सक्रियता है।