कोटद्वारः नजीबाबाद-पौड़ी नेशनल हाईवे के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। स्थिति यह है कि इस बार की आपदा से कोटद्वार और दुगड्डा के बीच 16 किमी. के दायरे में ही करीब छह नए डेंजर जोन बन गए हैं।
नए को मिलाकर एनएच पर कुल 10 डेंजर जोन बन गए हैं। एनएच विभाग की ओर से एनएच की स्थिति को देखते हुए इसे ऑरेंज जोन की सूची में शामिल किया गया है।
आपदा ने बढ़ाया संकट
नजीबाबाद-पौड़ी नेशनल हाईवे पौड़ी जनपद के साथ ही रुद्रप्रयाग और चमोली जनपद को मैदानी क्षेत्र से जोड़ता है। इसीलिए इस नेशनल हाईवे को सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस बार की आपदा ने नेशनल हाईवे की स्थिति को काफी खस्ताहाल कर दिया है।
भविष्य में एनएच का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है
विभागीय अधिकारियों की मानें तो एनएच पर लगातार खतरा मंडरा रहा है। इसे देखते हुए पूर्व में विभाग की ओर से टर्नल का विकल्प तलाशा गया था, लेकिन टनल का विकल्प भी दुगड्डा के फतेहपुर से आगे ही संभव हो पा रहा है। कोटद्वार और दुगड्डा के बीच टनल का विकल्प संभव न होने से भविष्य में एनएच का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। कोटद्वार और दुगड्डा के बीच एनएच के एक ओर जहां खोह नदी बहती है। वहीं, दूसरी ओर कच्ची पहाड़ियां हैं।
मलबा आने से एनएच पर डेढ़ घंटे रही आवाजाही बाधित
पौड़ी नेशनल हाईवे पर लालपुल के समीप मलबा आने से एनएच करीब डेढ़ घंटे हल्के वाहनों की भी आवाजाही बंद रही। एनएच प्रशासन ने जेसीबी से मलबा हटाकर मार्ग पर आवाजाही शुरू करवाई।