यूक्रेन राष्ट्रपति जेलेंस्की के मुताबिक उनके पास ऐसे भारी हथियार नहीं हैं जिससे वह मारियुपोल को मुक्त करा सकें, यूक्रेन के मारियुपोल शहर के ज्यादातर हिस्से पर अब रूस का कब्जा, पुतिन ने इसे मारियुपोल की ‘मुक्ति’ करार दिया है
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के रणनीतिक रूप से बेहद अहम शहर मारियुपोल पर जीत का दावा किया है, यूक्रेन में चली सबसे बड़ी जंग में रूसी सेना ने मारियुपोल को ‘मुक्त’ करा लिया है। मारियुपोल से आ रही रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि पूरे शहर में हर तरफ रूसी झंडे देखे जा रहे हैं। अमेरिका ने दावा किया कि अभी तक रूसी सेना पूरे मारियुपोल शहर पर कब्जा नहीं कर सकी है। रूस और यूक्रेन के बीच जंग अब दूसरे महीने में पहुंच चुकी है और पुतिन इसे जल्द से जल्द जीत में बदलना चाहते हैं। वहीं विश्लेषकों का कहना है कि रूस का मारियुपोल पर कब्जा यूक्रेन की जंग में जीत की तरह से है।
आइए समझते हैं क्यों मारियुपोल पर जीत अहम है….
अजोव सागर के तट पर बसे यूक्रेन के बंदरगाह शहर मारियुपोल पर कब्जा रूस को उसके नियंत्रण वाले क्रीमिया से स्वयंभू डोनेट्स्क रिपब्लिक के बीच तक जमीनी रास्ता मुहैया कराएगा। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन पर हमले से ठीक पहले डोनेट्स्क और लुहान्स्क रिपब्लिक को स्वतंत्र क्षेत्र के रूप में मान्यता दे दी थी। दरअसल, रूस ने 24 फरवरी को तीन मोर्चों यूक्रेन के उत्तरी इलाके में बेलारूस सीमा से कीव और खारकीव, पूर्वी इलाके में विद्रोहियों के नियंत्रण वाले दोनबास और दक्षिण में क्रीमिया से हमला करना शुरू किया था। रूस और यूक्रेन के बीच जंग का 58वां दिन है और पुतिन की सेना ने अब पूरा जोर यूक्रेन के पूर्वी इलाके पर कब्जा करने में लगा दिया है।
काला सागर के तटीय इलाके के 80 फीसदी क्षेत्र पर रूसी कब्जा, हिटलर के कब्जे में रह चुका है मारियुपोल, स्टील बनाने का हब
दक्षिण और उत्तरी इलाके से जारी अपने अभियान को रूसी सेना ने रोक दिया है। रूस का पूरा फोकस मारियुपोल पर कब्जा करने का था जिसे उसने लगभग हासिल कर लिया है। 18वीं सदी के रूसी राजा मारिया फिओडोरोवना के नाम पर बसा यह मारियुपोल शहर रूस में शाही शासन के दौर में अजोव गवर्नर के नियंत्रण में था। 18वीं सदी में रूस ने इस इलाके में आर्थोडॉक्स ईसाइयों को क्रीमिया से मारियुपोल में अजोव सागर के तट पर बसाया। इसके बाद के सालों में यह ब्लैक सी और अजोव तट पर सबसे बड़े व्यापारिक केंद्रों में शामिल हो गया। 19वीं सदी में मारियुपोल शहर स्टील बनाने का हब बन गया। इससे यहां पर हजारों की तादाद में कामगार आए। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान मारियुपोल पर हिटलर के नेतृत्व वाली जर्मन सेना ने कब्जा कर लिया जो करीब दो साल तक चला। इस दौरान नाजी सेना ने स्थानीय लोगों की मदद से यहूदियों के खात्मे का अभियान शुरू किया। इसके बाद मारियुपोल शहर को रूस की लाल सेना ने मुक्त कराया और इसका नाम सोवियत वामपंथी नेता एंद्रेई झदानोव के नाम पर झदानोव रखा। साल 1989 में सोवियत संघ के पतन से दो साल पहले इसका नाम एक बार फिर से मारियुपोल रखा गया। ब्रिटिश सेना के पूर्व कमांडर जनरल सर रिचर्ड बैरन ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि मारियुपोल पर कब्जा रूस के युद्ध के प्रयासों के लिए बेहद अहम है। युद्ध खत्म होने पर मारियुपोल से जमीनी रास्ता मिलने को रूसी बड़ी रणनीतिक सफलता के रूप में देखेंगे।
रूस ने अब यूक्रेन के काला सागर के तटीय इलाके के 80 फीसदी क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। इससे यूक्रेन न केवल समुद्री व्यापार से कट जाएगा बल्कि दुनिया से अलग-थलग पड़ जाएगा। रूस ने मारियुपोल पर तोपों, रॉकेट और मिसाइलों से इतनी ज्यादा तबाही मचाई है कि करीब 90 फीसदी शहर बर्बाद हो गया है। मारियुपोल तट गहरा समुद्री बंदरगाह है। यहां से यूक्रेन स्टील, कोयला और मक्के के खाड़ी देशों को निर्यात करता था। यही नहीं मारियुपोल पर कब्जे के बाद अब पुतिन इसे अपनी जनता को जीत के रूप में दिखा सकेंगे जो इस जंग का विरोध कर रही है। पुतिन के लिए यह एक तरह से निजी मामला था जो यूक्रेन के ब्लैक सी से सटे इलाके को ‘नए रूस’ के हिस्से के रूप में देखते हैं। इसीलिए पुतिन ने इसे ‘मुक्ति’ नाम दिया है। उधर, यूक्रेन के लिए यह जंग में अब तक का सबसे बड़ा नुकसान है। मारियुपोल यूक्रेन का पहला बड़ा शहर है जो रूस के कब्जे में आया है।