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जानें पूरा मामला: भाजपा दफ्तर पहुंचकर अमेरिकी प्रतिनिधियों ने दागे चीन और तिब्बत पर सवाल

By अखण्ड भारत

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Know the whole matter: After reaching the BJP office, American representatives raised questions on China and Tibet

विस्तार से पढ़ें:

अमेरिकी दूतावास के उत्तर भारत कार्यालय की राजनीतिक अधिकारी करेन मैक्क्रीया और दूतावास की ही आर्थिक और राजनीतिक विशेषज्ञ कवलीन चटवाल मंगलवार को चक्कर शिमला में भाजपा मुख्यालय दीपकमल पहुंचीं

शिमला: भाजपा दफ्तर पहुंचकर अमेरिकी प्रतिनिधियों ने चीन और तिब्बत पर सवाल दागे। भाजपा की संगठनात्मक ताकत समझने अमेरिकी दूतावास की दो महिला प्रतिनिधि शिमला पहुंचीं। इन्होंने मिशन रिपीट के मॉडल को जाना। इन्होंने प्रदेश भाजपा के नेताओं से सवाल किए कि चीन का यहां की राजनीति में किस तरह का दखल है और इस पर गंभीर चर्चा की। यह अमेरिकी प्रतिनिधि भाजपा से राजनीतिक गुर सीखने के बहाने चीन और तिब्बत पर बड़ी दिलचस्पी से सवाल पूछते रहे। अमेरिकी दूतावास के उत्तर भारत कार्यालय की राजनीतिक अधिकारी करेन मैक्क्रीया और दूतावास की ही आर्थिक और राजनीतिक विशेषज्ञ कवलीन चटवाल मंगलवार को चक्कर शिमला में भाजपा मुख्यालय दीपकमल पहुंचीं। यहां भाजपा के प्रदेश महासचिव त्रिलोक जमवाल ने हिमाचली टोपी और शॉल भेंट कर इनका स्वागत किया।

विशेषज्ञों ने यह जानना चाहा कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा मिशन रिपीट के लिए किस तरह की तैयारी कर रही है। यह भी पूछा कि चूंकि हिमाचल प्रदेश की सीमा चीन से लगती है और निर्वासित तिब्बत के बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा धर्मशाला में हैं तो चीन का यहां की राजनीति में किस तरह का दखल रहता है। करेन मैक्क्रीया और त्रिलोक जमवाल ने राज्य भाजपा के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। जमवाल ने करेन की ओर से पूछे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि एक साल बाद कांग्रेस देश से समाप्त हो जाएगी। कांग्रेस केवल वंशवाद में विश्वास करती है। उनके नेताओं का चयन योग्यता के आधार पर नहीं है, हिमाचल इसका एक आदर्श उदाहरण है।

चीन और तिब्बत पर पूछे सवाल पर बताया कि चीन का हिमाचल प्रदेश की सियासत पर कोई हस्तक्षेप नहीं रहता है। चीन ने भारतीय सीमाओं को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की, लेकिन केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व के कारण चीन ऐसा करने में विफल रहा है। मोदी के नेतृत्व में सब सुरक्षित हैं। हिमाचल ने भी चीनी कंपनियों के ग्लोबल टेंडर रद्द किए हैं। आज चीन को एहसास हो गया है कि भारत कमजोर देश नहीं है। केरन ने तिब्बत सरकार और दलाईलामा की मदद के लिए हिमाचल सरकार की सराहना की। जमवाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश कभी भी तिब्बत सरकार में हस्तक्षेप नहीं करता है और उनके चुनाव में भी मदद करता है। 

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