काशीपुरः स्टेडियम में सात करोड़ की लागत से बना बहुउद्देश्यीय हॉल देखरेख के अभाव में तीन साल में जर्जर होने लगा है। हॉल का लोकार्पण नौ मार्च 2019 को हुआ था। लोकार्पण के लगभग एक साल बाद 2020 में नवनिर्मित बहुउद्देश्यीय हॉल स्टेडियम के हैंडओवर किया गया।
लगा है गंदगी का अंबार
इस हॉल को बनाने का उद्देश्य था कि इसमें खिलाड़ी इंडोर गेम्स की प्रैक्टिस करके अपनी प्रतिभा निखार सकेंगे। देखरेख के अभाव में हॉल का लकड़ी से बना फर्श तीन साल में ही जगह-जगह से टूटने लगा है। शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं होने से वहां गंदगी का अंबार लगा है।
शाम ढलते ही इंडोर गेम्स करने पड़ते हैं बंद
नियमित साफ-सफाई नहीं होने से हॉल की छत में बड़े-बड़े जाले लटके हैं और बारिश के दौरान हॉल की छत कई जगह से टपकती है। पानी निकासी को बनाई गई नाली वर्षों से कूड़े से अटी पड़ी है। साथ ही लाइटिंग की समुचित व्यवस्था नहीं होने से शाम ढलने के बाद खिलाड़ियों के इंडोर गेम्स खेलने में समस्या होती है। हॉल में बैडमिंटन, बॉक्सिंग, ताईक्वांडो, टेबल टेनिस, जूड़ो-कराटे आदि खेल खेले जाते हैं।
ट्रांसफार्मर उठा ही नहीं पाता लोड
स्टेडियम में मात्र 25 केवी का ट्रांसफार्मर लगा हुआ है। जो कि बैडमिंटन हॉल, बहुउद्देश्यीय हॉल, स्वीमिंग पूल, हॉस्टल और ट्यूबवेल का लोड नहीं उठा पा रहा है। जिस वजह से बहुद्देशीय हॉल में बिजली नहीं आ पाती और न ही पानी की सप्लाई हो पा रही है। लोड बढ़ाने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। मोहित सिंह, क्रीड़ाधिकारी।