शिलाई : हिमाचल में साइबर ठगी करने वाले लोग जहां सर्वाधिक सक्रिय है। वहीं ठग, पोस्टल ऑर्डर के माध्यम से भी ठगी कर रहे है और जब विभागीय लच्चर प्रणाली के लोग शिकार हो जाए तो प्रशासनिक अमला पर सवालिया निशान खड़े होना लाजमी है। ऐसे में प्रदेश के अनपढ़, अनभिज्ञ और जानकारी न रखने वाले लोगों की मुसीबत और बढ़ जाती है तथा आसानी से ठगी के शिकार हो रहे है।
मामला विधानसभा शिलाई के अंतर्गत आने वाले कफोटा कस्बे का सामने आया है। जहां पुलिस वालों को चाय न पिलाने पर ठगी करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया है। हालांकि ठगी के शिकार हो रहे व्यक्ति ने डीएसपी पावटा साहिब को शिकायत देकर मामले में उचित जांच की मांग रखी है। लेकिन कफोटा में कार्यरत पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज न करने के आरोप लग रहे है।
दरअसल इंदर सिंह खंड विकास कार्यालय तिलोरधार की ग्राम पंचायत टटियाना का रहने वाला है। इंदर सिंह को हिमालय आयुर्वेदिक आश्रम की तरफ से पत्र आया है। जिसमे उनको स्कॉर्पियो गाड़ी लॉटरी में मिली है। ठगी करने वाले ने इंदर सिंह को यह तर्क दिया कि यदि स्कॉर्पियो नहीं चाहिए तो कुछ हजार जमा करवा दीजिए उसके बाद स्कॉर्पियो की पूरी कीमत आपके खाते में आ जाएगी। इस बावत इंदर सिंह सही जानकारी लेने के साथ, ठगी करने वाले व्यक्ति की शिकायत करने के लिए कफोटा पुलिस बूथ पर पहुंचा और आप बीती पुलिसकर्मी को सुनाई है।
हिमाचल में ठगी करने वाले इसलिए अधिक सक्रिय है कि यहां की जनता जितनी भोली और सत्यनिष्ठा है उतना ही लापरवाह यहां का प्रशासन नजर आता है। इंदर सिंह के मुताबिक जब वह कफोटा में पुलिस कर्मी को आपबीती बता रहे थे तो कार्यरत पुलिसकर्मी ने यह कहकर धुत्तकार दिया कि ठगी करने वालों के लिए हजारों रुपए देते हो और पुलिस वालों को चाय भी नहीं पिलाते। इसलिए आपकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जाएगी, और इंदर सिंह को पुलिस बूथ से बाहर धकेल दिया।
इंदर सिंह ने बताया कि ठगी करने वाले व्यक्ति ने उन्हें किसी का आधार कार्ड, पैन कार्ड और खाता नम्बर भी दिया है। जिसकी वह पुलिस से जांच करवाना चाहते है। लेकिन अनपढ़, अनभिज्ञ गांव के व्यक्ति को धूर्त जानवर की तरह कार्यरत पुलिसकर्मी ने उन्हें दुर्तकार दिया और बाहर निकाल दिया है। जिसके बाद से उनका विश्वास कफोटा में कार्यरत पुलिस बल से उठ गया है। उन्होंने डीएसपी पावटा साहिब को मामले की शिकायत की है।
आश्चर्य इस बात से हो रहा है कि कफोटा कस्बे में यह पहला मामला नहीं है जिसमे पुलिस ने लापरवाही की हो या फिर गरीब और असहाय जनता को अनसुना किया हो, बल्कि इससे पहले भी कई मामलों में पुलिस की कार्यवाही पर सवालिया निशान लग चुके है। फिर वह ठगी का मामला हो या फिर नशा तस्कर की बात आएं, यहां पुलिस लगातार सवालों के घेरे में आ रही है।
इंदर सिंह बताते है कि ठगी करने वालों सहित लापरवाह पुलिस कर्मी के खिलाफ उन्होंने डीएसपी पावटा साहिब को शिकायत की, और यदि डीएसपी पावटा साहिब ने भी लापरवाही दिखाई तो वह डीजीपी को पत्र भेजने वाले है। तथा हिमाचल पुलिस के सर्वोच्च कार्यालय से ठगी करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज करवाएंगे।
अलबत्ता हिमाचल प्रदेश के अंदर ठगी करने वाले शातिर सक्रिय है। इसलिए प्रदेश की जनता को सतर्क रहने की आवश्यकता है।