डेस्क: किसी शायर ने क्या खूब लिखा है- ‘हर रोज़ गिर कर मुकम्मल खड़े हैं ,ए ज़िंदगी देख ,मेरे हौसले तुझ से भी बड़े हैं।’ हौसले मज़बूत हो तो लोग अपनी कमजोरी को ही अपना हथियार बना लेते है। यह शायरी धनबाद की इस बेटी पर सटीक बैठता नज़र आ रहा है। जिसने अपनी कमजोरी को ही अपना हथियार बना लोगों को अपने ओर आकर्षित करने पर मज़बूर कर दिया।
सड़क हादसे में पैर गंवा बैठीं
धनबाद के बलियापुर की रेखा मिश्रा ने 2014 में पश्चिम बंगाल के बाड़ा में एक सड़क दुर्घटना में पैर गवां बैठी। परिवार के लोगों को लगा जैसे सब खत्म हो गया पर रेखा ने अपने हौसले को कम नहीं होने दिया। बचपन से उसका शौक था की वो डांसर बनाना चाहती है। उसने अपने एक पैर के सहारे ही डांस का अभ्यास करना शुरू कर दिया। साथ ही अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। 10 वीं की पढ़ाई शीतलपुर से करके जिले के एसएसएलएनटी महिला कालेज से गणित आनर्स से स्नातक किया।
डांसर बनने का सपना पूरा करने में जुटी
पिता की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने कारण उसने मोबाइल और टीवी के सहारे डांस को सीखा। आज रेखा अपने तकलीफों को ही हथियार बना कर एक पैर से ही बालीवुड फ्री स्टाइल डांस करती हैं। पूरा कोयलांचल उसे वन लेग डांसर के नाम जानता है। उसका लक्ष्य है की वो अपनी प्रतिभा से पूरे झारखण्ड का नाम रोशन करे साथ ही अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधार सके।
पैर खोने के बाद भी हौसला बरकरार
वही उसने बताया की जो लोग इन परिस्थितियों में अपना आत्मबल खो देते है वैसे लोगों को जरूरत है की वो अपने अंदर छुपे प्रतिभा को पहचाने और दुनिया सामने लाने का कार्य करे। भगवान ने सभी के अंदर कुछ न कुछ खास गुण दे कर रखा जरुरत है सिर्फ उसे बाहर लाने की।
मोबाइल और टीवी के सहारे सीखा डांस
मोबाइल और टीवी की मदद से डांस सीखने के बाद रेखा आज आज भी धनबाद की सड़को पर डांस अभ्यास करती नज़र आ जाएगी। रेखा उन सभी के लिए प्रेरणास्रोत बन चुकी है, जो किसी दुर्घटना के बाद अपना आत्मबल खो देते हैं।