कँवर ठाकुर (शिलाई):- जनसंख्या समाधान फाउंडेशन कमेठी शिलाई ने एसडीएम शिलाई के माध्यम से जयराम ठाकुर तथा नरेंद्र मोदी को जनसँख्या नियंत्रण बनाने के लिए मांग पत्र भेजा है |
जनसंख्या समाधान फाउंडेशन कमेठी शिलाई ने अपने मांग पत्र मे लिखा है कि यदि माता-पिता कानून पारित होने के 1 वर्ष बाद तीसरे बच्चे को जन्म देता है तो प्रदेश सरकार से मिलने वाले अनुदान के अधिकार को खत्म किया जाए, राजकीय सेवाएं दे रहे माता-पिता यदि कानून लागू होने के 1 वर्ष बाद तीसरे बच्चे को पैदा करते हैं तो उन्हें राज्य सेवाओं से हटा दिया जाए, कानून लागू होने के 1 वर्ष पश्चात कोई माता-पिता यदि तीसरे बच्चे को जन्म देता है तो राजकीय सेवाओं की पात्रता समाप्त हो जानी चाहिए। केंद्र सरकार द्वारा कानून अधिसूचित होने के बाद एक बार उल्लंघन के बाद दोबारा उल्लंघन करने की स्थिति पहले से लागू दंडात्मक प्रावधानों के साथ-साथ दंपत्ति को 10 वर्ष की सजा का प्रावधान किया जाए। कानून लागू होने के पश्चात यदि कोई तीसरी संतान उत्पन्न करता है तो माता-पिता व संतान को जीवंत पर्यंत मताधिकार से वंचित रखने का प्रावधान किया जाए। जाति धर्म और भाषीय बंधनों से ऊपर उठकर, जनहित को सर्वोपरि मानते हुए यह कानून प्रदेश के सभी लोगों पर समान रूप से लागू हो।
हमारे देश में बढती जनसंख्या के कारण भारी मात्रा में खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो रहा है। अलबत्ता जिसके कारण देश में भूखमरी, पानी व बिजली की समस्या, आवास की समस्या, अशिक्षा का दंश, चिकित्सा की बदइंतजामी व रोजगार के कम होते विकल्प इत्यादि प्रकार की समस्याओं से जूंझना पड रहा है। बढती जनसंख्या हमारे देश के विकास क्रम में अवरोधक होने के साथ ही हमारे आम जन जीवन को भी दिन-प्रतिदिन प्रभावित कर रही है।
जनसंख्या समाधान फाउंडेशन प्रदेश बिंग संयोजक राजेंद्र सिंह ठाकुर, प्रदेश महिला मोर्च अध्यक्षा निरुपमा शर्मा, जिला अध्यक्ष वृजेश शर्मा, विजय चौहान, धनवीर सिंह, उजागर तोमर, पंकज शर्मा, मोहन नेगी, राहुल ठाकुर तथा अनिल ठाकुर ने एसडीएम शिलाई के माध्यम से प्रदेश सरकार व केन्द्र सरकार को ज्ञापन भेजा तथा बढती जनसँख्या की विकराल समस्या को लेकर सरकार से गहन चिंतन करने की आवश्यकता जताई |