डेस्क: इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर स्थित आखिरी गांव को अनमोल तोहफा दिया है। भारतीय सेना ने उत्तरी कुपवाड़ा जिले के मच्छल सेक्टर स्थित दन्ना गांव के लोगों को मच्छल नाले पर एक पुल समर्पित किया। इस पुल का नाम भगत ब्रिज रखा गया है जिसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है। यह गांव एलओसी पर आखिरी गांव है और इसके उस पर पाकिस्तान स्थित है।
सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि 115 फीट लंबे इस पुल का नाम भगत ब्रिज रखा गया है जो कि मेजर भगत सिंह के नाम पर है। वीर चक्र से सम्मानित मेजर भगत सिंह ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान इस सेक्टर की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे।
दन्ना गांव को भारत के वीर सपूत की याद में भगत गांव के नाम से भी जाना जाता है। गांव वालों को पुल समर्पित करते हुए भारतीय सेना के पूर्व सैनिक ने फीता काटा। उनके अलावा गांव के अन्य लोग भी मौजूद थे जिनमें 90 साल के मियां गुल खान भी शामिल थे जो 1971 युद्ध के जांबाज सिपाही हैं।
भारतीय सेना ने इस पुल का एक वीडियो भी शेयर किया है। इसका निर्माण भारतीय सेना के इंजीनियरों के कठिन प्रयासों से हुआ है। मच्छल नाले पर सड़क और पुल की कमी लोगों को काफी दिक्कतें आती थीं। पुल के लिए काफी समय से मांग चल रही थी।