Jairam Thakur : सांठ-गांठ से रिज़र्व प्राइस के नीचे हुए ठेके की नीलामी, बड़ी यूनिट बनाकर किया बड़ा घोटाला
शिमला: नेता प्रतिपक्ष Jairam Thakur ने सुक्खू सरकार पर शराब घोटाले का आरोप लगाया। कहा सरकार जान बूझकर शराब के ठेकों की यूनिट का साइज बढ़ाकर बड़े ठेकेदारों से सांठ-गांठ करके शराब का घोटाला कर रही है।
बड़ी यूनिट करने से ठेके लेने के लिए ज़्यादा धनराशि की आवश्यकता होती है। जिससे छोटे व्यापारी टेंडर प्रक्रिया से दूर हो गए और सरकार में बैठे लोगों ने बड़े लोगों से सांठ-गांठ कर ली। जिसके कारण रिज़र्व प्राइस से नीचे जाकर भी कई जगह पर टेंडर हुए। यह सरकार की मिली भगत की वजह से संभव हुआ। नहीं तो यह टेंडर कैंसिल किए जाने थे। फिर से टेंडर करवाना था।
सबसे चौकाने वाली बात यह है कि इन जगहों पर सभी ने टेंडर में रेट्स रिज़र्व प्राइस से कम डाले और सभी टेंडर के क़ीमतों में मात्र 10 से 15 हज़ार रुपये का ही अंतर है। इतनी बड़ी-बड़ी क़ीमतों के बाद भी लोगों के सभी के टेंडर की रेट्स का सटीक अंदाज़ा हो सकता है। इसके बाद सरकार द्वारा इस टेंडर को निरस्त न करना अपने आप में सवाल खड़े करता है।
Jairam Thakur ने कहा कि ऊना, नूरपुर और काँगड़ा में शराब के ऑक्शन को दबाव के चलते रोक दिया गया। वहां पर शराब के धंधे में कौन लगा हुआ है? उसे किस नेता का संरक्षण प्राप्त है? यह सब पूरा प्रदेश जानता है। मीडिया के प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान उन्होंने यह कहा।
नेता प्रतिपक्ष Jairam Thakur ने कहा कि सरकार ने शराब नीति के नाम पर प्रदेश के राजस्व का चूना लगाया है और अपने लोगों की जेबें भारी हैं। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। विधान सभा से लेकर सड़क तक मुख्यमंत्री सिर्फ़ झूठ पर झूठ बोल रहे हैं। हर जगह कहते है कि शराब नीति की वजह से 40 प्रतिशत का राजस्व लाभ हुआ है लेकिन सही यही है कि ठेके अपने लोगों को सेटिंग के ज़रिए औने-पौने दामों में बेचे गये हैं, जिसकी जाँच हुई तो यह बहुत बड़ा घोटाला निकलेगा।
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पिछली बार की नीलामी के पैसे लोगों ने अभी तक जमा नहीं किए। ठेकेदार चाभियां लौटा रहे हैं। हाई कोर्ट से जाकर राहत मांग रहे हैं। कांग्रेस ने पिछले कार्यकाल के दौरान भी बड़ी यूनिट बनाकर ठेकों की नीलामी की थी। जिसकी वजह 200 करोड़ की लाइसेंस फ़ीस बकाया रह गई थी।
अगर मुख्यमंत्री कोविड काल में शराब के राजस्व की की तुलना कर रहे हैं तो उन्हें ईश्वर सद्बुद्धि दे
Jairam Thakur ने कहा कि सुक्खू सरकार कोरोना काल के समय राजस्व संग्रह की तुलना की जा रही है। दो साल तक पूरी दुनिया अलग-अलग तरह के लॉकडाउन में रही हो। सारी आर्थिक गतिविधियां बंद रही हों। शराब के ठेके लंबे समय तक बंद रहे हों, उस समय के लाभ की तुलना अगर मुख्यमंत्री इस समय के साथ तुलना कर रहे हैं तो उनकी इस बात पर मुझे कुछ नहीं कहना है, मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दें। प्रदेश के लोग जानते हैं कि वह कैसा दौर था।