अखण्ड भारत (शिमला):- टोक्यो में हो रहें ओलंपिक मे भारतीय हॉकी टीम ने ब्रोंज मेडल लाने के बाद समूर्ण देश मे खुशी की लहर है, भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने से डेढ़ अरब से ऊपर भारत की आवादी के लिए बड़े गर्व की बात है | हालाँकि हॉकी राष्ट्रीय खेल होने के बाबजूद भी देश मे लंबे समय से कोई पदक नही जीत पाए थे, लेकिन कांस्य पदक लाने से हॉकी टीम ने इतिहास रचा है |
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक लाने वाली हाकी टीम के सदस्य खिलाड़ी मूलरूप से चंबा जिले के डलहौजी के रहने वाले वरुण कुमार को हिमाचल प्रदेश सरकार 75 लाख रुपये नकद इनाम देगी। सीएम ने कहा कि हमें प्रसन्नता है कि हाकी टीम ने ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन किया। वरुण के पिता ट्रक चलाते हैं। वरुण परिवार सहित जालंधर के मिट्ठापुर गांव में रहते हैं। वहीं, पंजाब सरकार भी उन्हें एक करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार देगी। इसकी घोषणा पंजाब के खेल एवं युवा सेवाएं मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने की। बता दें, ट्रक ड्राइवर के बेटे वरुण कुमार भी टोक्यो ओलंपिक में परचम लहराने वाली भारतीय हॉकी टीम के हिस्सा बने हैं।
भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक में कांस्य पदक जीता है। वरुण हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के डलहौजी उपमंडल की ओसल पंचायत के रहने वाले हैं। खलंदर गांव निवासी वरुण कुमार का जन्म 25 जुलाई 1995 को हुआ था।वर्तमान में वह परिवार सहित पंजाब के जालंधर में रह रहे हैं। उनके पिता ब्रह्मानंद जालंधर के मीठापुर में पेशे से ट्रक ड्राइवर हैं। वरुण ने अपनी पढ़ाई डीएवी स्कूल से की है। पंजाब के जालंधर में शिक्षा ग्रहण करने के बाद वरुण अब भारत पेट्रोलियम कंपनी नोएडा में सेवाएं दे रहे हैं। उधर, बेटे की उपलब्धि से परिजनों में खुशी का माहौल है। उन्हें बचपन से हॉकी खेलने का शौक था, लेकिन परिवार की स्थिति ठीक न होने के कारण काफी संघर्ष करना पड़ा। वरुण और भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह बचपन के दोस्त हैं।