डेस्क: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के कुछ ही महीने बचे है। जहां पार्टी के नेताओं को एकजुट होकर चुनाव जीतने की तैयारी करना है। वहीं शहर में बीजेपी पार्टी के नेताओं के बीच मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं। शहर में संत रविदास की समरसता यात्रा के समापन के दौरान बीजेपी के दो नेताओं के बीच मतभेद नजर आए। जहां एक नेता ने अपनी ही पार्टी के दूसरे नेता पर दलित वर्ग का आरोप लगाया। बीजेपी नेता कैलाश जाटव के आरोप का समर्थन विपक्ष की कांग्रेस ने भी किया।
संत शिरोमणि रविदास महाराज के मंदिर निर्माण से पहले निकाली गई समरसता यात्रा जबलपुर पहुंची। समरसता यात्रा का अंतिम पड़ाव ग्वारीघाट पोलीपाथर में था। समापन कार्यक्रम में पहुंचे बीजेपी नेताओं के बीच आपसी मतभेद देखने को मिला। पार्टी के अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश जाटव ने भाजपा नगर अध्यक्ष प्रभात साहू पर दलित वर्ग के अपमान का आरोप लगाते हुए अपनी ही पार्टी को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
समरसता यात्रा जो बालाघाट से जबलपुर पहुंची थी। उस यात्रा में शांत शिरोमणि रविदास महाराज की चरण पादुका भी शहर में आयी थी। पोली पाथर इलाके में चरण पादुका का कार्यक्रम रखा गया था। इस कार्यक्रम बीजेपी के नेता और साधुसंत भी शामिल थे। पार्टी के नगर अध्यक्ष प्रभात साहू भी इस कार्यक्रम में आये हुए थे। जब कार्यकम चल रहा था तभी कैलाश जाटव भी सिंगरौली से जबलपुर समरसता यात्रा में शामिल होने कार्यक्रम में पहुंचे तो उन्हें मंच पर स्थान नहीं दिया गया। जब उन्हें किसी ने मंच पर बुलाया तो नेता प्रभात साहू वहां से उठकर चले गए।
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने दिखाई गंभीरता
इतना ही नहीं नगर अध्यक्ष प्रभात साहू वहां हुए भोज में भी शामिल नहीं हुए। बीजेपी नगरध्यक्ष के इस कृत्य को लेकर रविदास समाज के लोग काफी नाराज है। उन्होंने इस बात की शिकायत पार्टी के बड़े नेताओ से की है। बीजेपी के वरिष्ठ लोगो ने प्रभात साहू के रवैये को गंभीरता से लिया है। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने भी भाजपा की इस समरसता यात्रा में भाजपा नगर अध्यक्ष प्रभात साहू इस कार्य को दलित समाज का अपमान बताया है।
शहर के वेटनरी विश्वविद्यालय परिसर में बने गर्ल्स हॉस्टल से रात में छात्रों से बदतमीजी की गई। अभद्रता को लेकर अनुसूचित जाति-जनजाति छात्र संघ ने आक्रोश जताते हुए जबलपुर कमिश्नर का घेराव किया। छात्र संघ का कहना है की स्नेह नगर में निजी भवन में आदिवासी प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास का संचालन होता था। जनजातीय विकास विभाग जबलपुर ने निजी भवन से हटाकर वेटनरी विश्वविधालय में बने विभाग के छात्रावास में इन छात्रों को शिफ्ट किया गया।
आदिवासी छास संगठन ने बताया कि मंगलवार की रात को वेटनरी के स्टाफ ने इन छात्राओं को छात्रावास से बाहर कर दिया और उनके साथ बदतमीजी की। इस घटना से सभी दलित समुदाय के लोगो में नाराजगी है। इस घटना को लेकर अनुसूचित जाति-जनजाति छात्र संघ ने आदिवासी छात्राओं के साथ बदतमीजी करने वालो पर कार्यवाही की मांग की है।