शिमला : राजधानी में तीन दिवसीय इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल शिमला (आईएफएफएस) का 9वां संस्करण 22 से 24 सितंबर तक आयोजित होगा। इसका आयोजन गेयटी थियेटर में किया जाएगा, जिसमें 20 देशों और 24 राज्यों की फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाएगी। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में मॉडल सेंट्रल जेल कंडा और नाहन में कैदियों लिए भी फिल्म की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके पीछे आईएफएफएस का उद्देश्य उन कैदियों को प्रेरित करना है जो दुनिया में अपनी जगह पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जेलों में वे बाहरी दुनिया से अलग-थलग रहते हैं और इससे उनमें अवसाद और जेल की दीवारों और सलाखों के पीछे संस्थागत हो जाने का भय बढ़ जाता है।
अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव सूचना और प्रसारण मंत्रालय, हिमाचल प्रदेश सरकार के भाषा कला और संस्कृति विभाग के सहयोग से हिमालयन वेलोसिटी द्वारा आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है। यह स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं को उनकी फिल्में प्रदर्शित करने और विविध दर्शकों के साथ जुड़ने के लिए मंच देता है। इस महोत्सव का उद्देश्य फिल्म से सांस्कृतिक आदान-प्रदान और समावेशिता को बढ़ावा देना है। इसके लिए आधिकारिक तौर पर 107 फिल्मों का चयन किया है। इसमें अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में 38 फिल्में, राष्ट्रीय श्रेणी में 64 फिल्में और राज्य श्रेणी में पांच फिल्में शॉर्टलिस्ट की हैं।
इसमें फीचर, लघु, एनीमेशन और डॉक्यूमेंट्री फिल्म में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए प्रत्येक श्रेणी में पुरस्कार दिए जाएंगे। आईएफएफएस महोत्सव निदेशक पुष्प राज ठाकुर ने कहा कि यह एक सिनेमा के जादू को अप्रत्याशित स्थानों पर लाने और दर्शकों के साथ सार्थक तरीके से जुड़ने का अवसर है। वे वास्तव में बाहरी दुनिया का पता लगाने के अवसरों के हकदार हैं और सिनेमा से बेहतर कोई तरीका नहीं है जो समकालीन समाज की विभिन्न झलकियां, मौजूदा जीवन के रचनात्मक दिखा सके। इन्होंने कहा कि यह फिल्में कैदियों को सीखने और रचनात्मकता की भावना को पुनर्जीवित करने और बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित करेंगी।