भारत के 7 राज्यों के 13 विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को झटका लगा है। इनमें Congress, TMC, AAP, DMK सहित ‘INDIA’ गठबंधन के सहयोगी 10 सीटों पर आगे या जीत हासिल करने की स्थिति में हैं, जबकि BJP मात्र 2 सीटों पर। 1 सीट पर भाजपा की सहयोगी नीतीश कुमार की JDU आगे है।
पश्चिम बंगाल के रायगंज, रानाघाट दक्षिण, बगदा और मानिकतला उपचुनावों में तृणमूल ने जीत हासिल की है। जबकि 2021 के विधानसभा चुनावों में इनमें से पहले तीन सीटें भाजपा के पास थीं। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के उम्मीदवार आशीष शर्मा ने जीत दर्ज की है। उन्होंने कांग्रेस के पुष्पेंद्र वर्मा को डेढ़ हजार वोटों से हराया। 2022 के विधानसभा चुनाव में आशीष शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। बाद में उन्होंने भाजपा में शामिल होकर विधायक पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके कारण इस सीट पर उपचुनाव हुआ।
हिमाचल के अलावा अन्य छह राज्यों के नौ विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव हुए। इनमें से बिहार के रुपौली में जेडी(यू) के उम्मीदवार आगे हैं। कांग्रेस ने हिमाचल के दो सीटों पर जीत दर्ज की है। उत्तराखंड की दो सीटों पर भी कांग्रेस आगे है। पंजाब के एक विधानसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी (आप) और तमिलनाडु के एक विधानसभा क्षेत्र में डीएमके ने जीत हासिल की है। मध्य प्रदेश के अमरवाड़ा में कड़ा मुकाबला चल रहा है, जहां भाजपा कांग्रेस से एक हजार से कम वोटों से आगे है।
उत्तराखंड के बद्रीनाथ के कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी ने इस्तीफा देकर भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। वहीं, मंगलौर में बीएसपी विधायक की मृत्यु के कारण उपचुनाव हो रहे हैं। तमिलनाडु के विक्रवंडी में डीएमके विधायक की मृत्यु और पंजाब के जालंधर पश्चिम में आप विधायक शीतल अंगुरल रिंकू के भाजपा में शामिल होने के कारण उपचुनाव हो रहे हैं। इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे रिंकू को आप के उम्मीदवार महिंदर भगत ने 37,000 वोटों से हरा दिया।
बिहार के रुपौली विधानसभा क्षेत्र में आरजेडी की उम्मीदवार और पूर्व विधायक बीमा भारती तीसरे स्थान पर हैं। यहां जेडी(यू) के उम्मीदवार आगे हैं। निर्दलीय उम्मीदवार दूसरे स्थान पर है। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में बीमा भारती ने जेडी(यू) के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। इस साल की शुरुआत में उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा देकर तेजस्वी यादव की उपस्थिति में आरजेडी में शामिल हो गईं। लोकसभा चुनाव में तेजस्वी ने उन्हें पूर्णिया सीट से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहीं। निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव ने इस सीट पर जीत हासिल की, जबकि जेडी(यू) के उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे।