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चीन नीति का पालन करे हिंदुस्तान, ड्रैगन ने ताइवान पर भारतीय मीडिया को भी दी नसीहत

By Sushama Chauhan

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India should follow China policy, Dragon also advised Indian media on Taiwan

विस्तार से पढ़ें:

 संयुक्त राष्ट्र महासभा प्रस्ताव 2758 के मुताबिक ताइवान चीन का हिस्सा है और ‘दो चीन’ या ‘एक चीन, एक ताइवान’ जैसी कोई चीज नहीं है

चीन और उसके पड़ोसी देशों के बीच ज्यादातर तनावपूर्ण संबंध बने रहते हैं। फिर चाहें वह भारत हो या जापान। ताइवान को लेकर चीन का रवैया आक्रामक है। वह ताइवान का समर्थन करने वाले देशों को भी चेतावनी देने से नहीं चूकता। चीन और ताइवान मुद्दे पर भारत का रुख तटस्थ है। लिहाजा चीन ने भारत से आग्रह किया है कि वह द्वीपीय देश का साथ न देकर ‘वन-चाइना पॉलिसी’ का समर्थन करे। भारत ने ताइवान के साथ व्‍यापार और सांस्‍कृतिक संबंध ही रखे हैं। चीन की ओर से भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करने के बाद भारत ने 2008 से आधिकारिक बयानों और संयुक्‍त घोषणापत्रों में एक चीन नीति का जिक्र करना बंद कर दिया है।

भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता वांग जिओजियान ने कहा कि दुनिया में सिर्फ एक ही चीन है। ताइवान चीन का एक अविभाज्य हिस्सा है और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार पूरे चीन का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र कानूनी सरकार है। संयुक्त राष्ट्र महासभा प्रस्ताव 2758 के मुताबिक ताइवान चीन का हिस्सा है और ‘दो चीन’ या ‘एक चीन, एक ताइवान’ जैसी कोई चीज नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘एक-चीन’ का सिद्धांत अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आम सहमति बन गया है।


चीनी प्रवक्ता ने कहा कि यह आग्रह किया जाता है कि भारतीय अधिकारी एक-चीन सिद्धांत का पालन करें और ताइवान के साथ किसी भी तरह के आधिकारिक आदान-प्रदान को रोकें। उन्होंने कहा कि भारतीय मीडिया चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से संबंधित मुख्य हितों के मुद्दो पर सही रुख अपनाए, न कि ‘ताइवान स्वतंत्रता’ के लिए मंच प्रदान करे। वर्तमान में ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनाव अपने चरम पर है।

यह तनाव अगस्त में और भी बढ़ गया था जब अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी और उनके बाद कई अमेरिकी अधिकारियों और सांसदों ने ताइवान की यात्रा की थी। चीन के खिलाफ अमेरिका न सिर्फ ताइवान का खुलकर समर्थन कर रहा है बल्कि सैन्य रूप से भी उसके हाथ मजबूत कर रहा है। अमेरिका की योजना है कि ताइवान के पास इतने बड़े पैमाने पर गोला बारूद और हथियार हो कि वह बिना अमेरिकी मदद के भी लंबे समय तक चीन के हमले का सामना कर सके।

Sushama Chauhan

सुषमा चौहान, हिमाचल प्रदेश के विभिन्न प्रिंट,ईलेक्ट्रोनिक सहित सोशल मीडिया पर सक्रीय है! विभिन्न संस्थानों के साथ सुषमा चौहान "अखण्ड भारत" सोशल मीडिया पर मोजूदा वक्त में सक्रियता निभा रही है !