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भारत और अमेरिका प्रस्ताव को किया ब्लॉक, पाकिस्तानी आतंकियों के लिए चौथी बार मसीहा बना चीन

By Sushama Chauhan

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2001 में संसद पर हमले और 2016 में पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले की प्लानिंग में असगर शामिल रहा है

 चीन ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल कराने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र में बाधित कर दिया। चीन ने विश्व निकाय में किसी आतंकवादी को प्रतिबंधित सूची में डालने के प्रयास को चार महीनों के अंदर चौथी बार बाधित किया है। ऐसा बताया जा रहा है कि चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति’ के तहत महमूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को बाधित कर दिया है।

हालिया महीनों में यह चौथी बार है जब चीन ने ‘1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति’ के तहत पाकिस्तान स्थित किसी आतंकवादी को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव को बाधित किया है। अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने दिसंबर 2016 में महमूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया था।

India and America blocked the proposal, China became the messiah for Pakistani terrorists for the fourth time

आतंकियों को बचाने का चीन का पुराना इतिहास रहा है। अगस्त महीने में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत और अमेरिका जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने से जुड़ा प्रस्ताव लाए थे। उस दौरान भी चीन ने इस प्रस्ताव को ब्लॉक कर दिया था।

अजहर को संयुक्त राष्ट्र के दस्तावेज में अब्दुल रउफ असगर बताया गया था। कई आतंकी हमलों की प्लानिंग में उसका हाथ रहा है। 1999 में भारतीय यात्री विमान IC-814 के हाइजैक, 2001 में संसद पर हमले और 2016 में पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले की प्लानिंग में असगर शामिल रहा है। इससे पहले लश्कर के आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को भी प्रतिबंधों से चीन ने बचाया था। मक्की 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमले में शामिल था।

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