शिमला : फास्ट टैग रिचार्ज के नाम पर साइबर शातिरों ने गुरुवार को शिमला के एक व्यक्ति के एकाउंट से एक लाख रुपये उढ़ा लिए। हिमाचल में फास्ट टैग के नाम से ठगी का यह पहला मामला बताया जा रहा है। व्यक्ति को चंडीगढ़ व दिल्ली जाना था, ऐसे में उन्होंने मोबाइल फोन से फास्ट टैग रिचार्ज करने की कोशिश की। दो बार फास्ट टैग रिचार्ज न होने पर व्यक्ति ने मोबाइल पर आए नंबर पर फोन किया। ऐसे में साइबर ठगों ने व्यक्ति से आधार नंबर और बैंक खाते की डीटेल मांगी। दो मिनट में साइबर शातिर ने व्यक्ति के खाते से एक लाख रुपये की राशि निकाल ली। बैंक के खाते से निकाली गई राशि का मैसेज आने पर व्यक्ति ने इसकी साइबर थाना शिमला में शिकायत दर्ज की है। अब साइबर थाना की ओर से मामले की जांच की जा रही है।
इससे पहले साइबर शातिर हिमाचल में लोन, पैन कार्ड बनाने, बिजली के बिल के नाम पर लोगों को ठग रहे थे। अब शातिरों ने फास्ट टैग के नाम से लोगों को ठगने का नया तरीका निकाला है।
साइबर क्राइम के एएसपी भूपिंद्र सिंह नेगी ने कहा फास्ट टैग के नाम से ठगी की पहली बार शिकायत आई है। इसमें मामला दर्ज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से साइबर अपराध का ग्राफ बढ़ा है। शातिर नए तरीकों का प्रयोग कर लोगों को ठग रहे हैं। पैन कार्ड बनाने से लेकर क्रेडिट कार्ड के प्वाइंट रिडीम करने, ओटीपी शेयर करने, लोन देने के लिए साक्षात्कार करवाने के नाम पर लिंक भेजकर ठगी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि करीब 400 ऐसी एप्लीकेशन हैं। जो फ र्जी हैं। इनके लिंक लोगों को भेजे जा रहे हैं। लोग भी इनके झांसे में आकर लोन और अन्य चीजों के लिए आवेदन कर देते हैं। ऐसे में उनके एकाउंट से पैसे कटने शुरू हो जाते है। इसके बाद लोग पुलिस थाना आकर शिकायतें करते हैं।