चार सीटर विमान में वह अपने परिवार के साथ जर्मनी, ऑस्ट्रिया और चेक रिपब्लिक घूमने गए हैं
कोरोना लॉकडाउन के दौरान जब सब कुछ बंद था, तब एक भारतीय ने लंदन में अपने घर पर हवाई जहाज बना डाला। अब वह इस हवाई जहाज के जरिए परिवार के साथ पूरा यूरोप घूम रहे हैं। इस विमान को बनाने में उन्हें लगभग 1.8 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े हैं।
कोरोना महामारी के दौरान एक समय पूरी दुनिया बंद हो गई थी। हर कोई अपने घरों में कैद था। हवा में उड़ने वाले यात्री विमान भी एयरपोर्ट पर खड़े थे। जब हर कोई अपने घरों में वायरस के डर फैमिली के साथ समय बिता रहा था तब ब्रिटेन में रहने वाले एक भारतीय ने अपने घर पर ही चार सीटों वाला हवाई जहाज बना दिया। अभी भी एयरलाइन इंडस्ट्री लॉकडाउन के प्रभाव से उबर रही है वहीं ये भारतीय अपने परिवार के साथ घर पर बनाए हवाई जहाज में यूरोप घूम रहे हैं।
केरल के अलाप्पुझा के रहने वाले अशोक अलीसेरिल थमारक्षण लंदन में रहते हैं। कोरोना लॉकडाउन के दौरान उन्होंने ये हवाई जहाज बनाया। उन्हें इस विमान को बनाने में 18 महीने का समय लगा। चार सीटों वाला ये एक स्लिंग TSI विमान है। अशोक ने इस विमान का नाम जी-दीया रखा है। दीया उनकी छोटी बेटी का नाम है। 2006 में अपनी मास्टर्स की पढ़ाई के लिए अशोक यूके गए थे और वर्तमान में वह फोर्ड मोटर कंपनी के लिए काम करते हैं।
अशोक के पिता एवी थमारक्षण हैं जो पूर्व विधायक थे। अशोक के पास एक पायलट लाइसेंस भी है। इस चार सीटर विमान में वह अपने परिवार के साथ जर्मनी, ऑस्ट्रिया और चेक रिपब्लिक घूमने गए हैं। विमान बनाने के आइडिया को लेकर थमारक्षण ने कहा, ‘2018 की शुरुआत में मुझे पायलट लाइसेंस मिला था। तब मैं यात्रा के लिए छोटे टू-सीटर विमान को किराए पर लेता था। मेरे परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं ऐसे में मुझे चार सीटर विमान की जरूरत थी। लेकिन वे बेहद दुर्लभ हैं और जो मिलते भी हैं वह बहुत पुराने हैं।’
उन्होंने कहा कि चार सीटों वाला विमान मिलना मुश्किल था और तभी लॉकडाउन आ गया। तब मैंने घर में बने विमानों के बारे में जानना शुरू किया। अशोक ने हवाई जहाज बनाने के लिए स्लिंग एयरक्राफ्ट की फैक्ट्री में विजिट किया। यहां से उन्होंने अपना खुद का विमान बनाने के लिए एक किट ऑर्डर किया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में इकट्टा हुए धन और समय होने के कारण प्लेन बनाना शुरू किया। उनका कहना है कि इस हवाई जहाज को बनाने में 1.8 करोड़ रुपए की लागत आई है।