HPMC : वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 5 करोड़ रुपये का लाभ होने का अनुमान
मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, पतलीकूहल, और राजगढ़ की सपंत्तियों को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने का निर्णय लिया
HPMC के अध्यक्ष और राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जनशिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में आज यहां एचपीएमसी के निदेशक मंडल की 217वीं बैठक आयोजित हुई। बैठक में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

HPMC में नवनियुक्त गैर-सरकारी निदेशकों जोगिंद्र गुलेरिया, राजेश शर्मा, राजेश ठाकुर और वीरेंद्र सिंह जस्वाल ने भी बैठक में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज करवाई। बोर्ड ने नवनियुक्त निदेशकों का स्वागत करते हुए उन्हें एचपीएमसी की गतिविधियों और भविष्य के विजन से अवगत करवाया।
प्रबंध निदेशक सुदेश कुमार मोख्टा ने अवगत करवाया कि HPMC की वित्तीय स्थिति में लगातार सुधार दर्ज किया जा रहा है और वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 5 करोड़ रुपये का लाभ होने का अनुमान है।

निदेशक मंडल ने एचपीएमसी के गुम्मा, रोहडू, चच्योट, रिकांगपिओ, पतलीकूहल, ओड्डी, जरोल टिक्कर, भुंतर, तत्तापानी और जियाबॉन्ग में नियंत्रित वातावरण स्टोर और ग्रेडिंग एवं पैकिंग लाइन्स को किराये पर देने का निर्णय लिया। यह निर्णय भी लिया गया कि HPMC के 7 नियंत्रित वातावरण स्टोर और 10 ग्रेडिंग एवं पैकिंग लाइन्स के ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग के लिए और प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर लाभ अर्जित करने के लिए निविदा प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
निदेशक मंडल ने एचपीएमसी के रेडी टू ड्रिंक सेब जूस को 250 मिली. 500 मिली. और 1 लीटर की पैंिकग में लॉन्च किया। इस जूस में शुगर की मात्रा बिल्कुल भी नहीं है वहीं बाजार में एचपीएमसी की भागीदारी को और बढ़ाने के लिए इसे विशेष रूप से तैयार किया गया है। बैठक में बताया गया कि सेब जूस में शुगर एड नहीं होने से बाजार मध्यस्थता योजना के तहत किसानों से सीधे सेब की खरीद को समर्थन मिलेगा।
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यह अवगत करवाया गया कि पराला, परवाणू और जरोल प्लांट में वर्ष 2024 में अब तक का सबसे ज्यादा 2 हजार मीट्रिक टन एप्पल जूस कंसन्ट्रेट का उत्पादन हुआ। एचपीएमसी के एप्पल साइडर विनेगर और एप्पल जूस कंसन्ट्रेट अमेजॉन मार्केट प्लेस के माध्यम से भी बिक्री की जा रही है। देश भर से इन उत्पादों को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। इसलिए एचपीएमसी अब अपने जैम, स्कवैश, आचार को भी अमेजॉन और अन्य ऑनलाइन पोर्टल पर विक्रय करेगा।
बैठक में बताया गया कि एचपीएमसी ने हिम तरंग नाम से पैंकिंग में पीने का पानी भी लॉन्च किया है जिसे भी बाजार से अच्छी प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद जताई गई। एचपीएमसी अपने नए अल्कोहल उत्पाद शनैप्स और साइडर को विकसित और लॉन्च करने की भी योजना बना रहा है।
बैठक में मंजूरी दी गई कि मंडी मध्यस्थ्ता योजना के तहत राज्य में सिर्फ एचपीएमसी ही सेब खरीद करने के लिए अधिकृत एजेंसी होगी।। निदेशक मंडल ने पराला प्लांट में सेब खरीद के लिए मंडी मध्यस्थ्ता योजना के तहत क्रेट का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया ताकि सेब खरीद में और अधिक गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
निदेशक मंडल ने किन्नौर जिले के टापरी में जियोथर्मल ऊर्जा आधारित कोल्ड स्टोर स्थापित करने के लिए मैसर्स जियोट्रोपी इंडिया के साथ समझौता हस्ताक्षरित करने को भी मंजूरी दी। बैठक में बताया गया कि विश्व बैंक की बागवानी विकास परियोजना के तहत रोहडू, गुम्मा, जरोल टिक्कर, चच्योट, तत्तापानी, रिकांगपिओ, जियाबॉन्ग, भुंतर, पतलीकूहल और ओड्डी में नियंत्रित वातावरण स्टोर की 13 परियोजनाओं और ग्रेडिंग लाइन्स और पराला में फल प्रसंस्करण ईकाई का कार्य पूरा कर लिया गया है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि एचपीएमसी की मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, पतलीकूहल, और राजगढ़ की सपंत्तियों से अधिक से अधिक राजस्व अर्जित करने के लिए लिए इन्हें पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा। सरकारी कंसल्टेंसी एजेंसी के जरिए इन सपंत्तियों का व्यवहार्यता देखी जाएगी। बैठक में एचपीएमसी कीे संचालन दक्षता और वित्तीय निरंतरता और अधिक सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। बैठक में सचिव बागवानी सी. पालरासू, विशेष सचिव वित्त रोहित जम्वाल, एग्रो इंडस्ट्री कॉरपोरेशन की प्रबंध निदेशक रीमा कश्यप और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।