मध्यप्रदेश: सड़क निर्माण के लिए बिना नोटिस जारी किए मकान तोड़ने की कर्रवाई को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस राज मोहन सिंह ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। एकलपीठ ने शासकीय अधिवक्ता को निर्देशित किया है कि कार्रवाई की प्रक्रिया के संबंध में जानकारी प्राप्त कर न्यायालय को अवगत कराएं।
जानकारी के मुताबिक, नरसिंहपुर जिले की तेंदूखेड़ा निवासी विनीत विश्वकर्मा की तरफ से जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया कि उसका मकान वार्ड नंबर 7 में स्थित है। राजस्व अधिकारी और नगर परिषद के द्वारा किए गए सीमांकन में उनके मकान को अतिक्रमण मुक्त पाया गया था। सड़क निर्माण के लिए नगर परिषद तेंदूखेड़ा और ठेकेदार ने उनके मकान को तोड़ दिया। मकान तोड़ने की कार्रवाई से पहले उन्हें किसी प्रकार को शो-कॉज नोटिस तक जारी नहीं किया गया है।
याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता सौरभ शर्मा की तरफ से न्यायालय को बताया गया कि अतिक्रमण नहीं हटाते हुए याचिकाकर्ता के वैध घर को जेसीबी मशीन से तोड़ दिया गया। राजनीतिक दबाव के कारण कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। याचिकाकर्ता को पक्ष प्रस्तुत करने कोई अवसर नहीं दिया गया जो प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है। अवैध तरीके से मकान तोड़ने की कार्रवाई की गयी है। याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने राज्य सरकार, जिला प्रशासन, नगर परिषद के सीईओ और अध्यक्ष समेत अनावेदक ठेकेदार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।