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Himachal : जुखाला के 6 वर्षीय युवान ने दुनिया के सबसे ऊँचे बेस कैंप माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर फहराया तिरंगा 

By Sandhya Kashyap

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Himachal : 11 दिन में अपने माँ बाप के साथ पूरी की 135 किलोमीटर ट्रैकिंग

अभिषेक मिश्रा (बिलासपुर)  : माँ बाप का सही मार्ग दर्शन मिले तो बड़े से बड़ा मुकाम जिसकी कोई कल्पना भी नही कर सकता उसे भी पूरी शिद्दत और मेहनत के साथ भी हासिल किया जा सकता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है जुखाला के 6 वर्षीय युवान ने। इस छोटे से बच्चे ने वो कर दिखाया है जिसकी कोई कल्पना भी नही कर सकता।

Himachal : जुखाला के 6 वर्षीय युवान ने दुनिया के सबसे ऊँचे बेस कैंप माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर फहराया तिरंगा 

शायद ही अभी तक इतनी कम उम्र के बच्चे ने यह मुकाम हासिल किया हो। यह सब युवान ने अपने माँ बाप के मार्गदर्शन में किया है जिसके लिए युवान ने इतनी छोटी उम्र में बिना आराम किये 6 माह की कड़ी ट्रेनिंग की। जिसके बाद Himachal के जुखाला के 6 वर्षीय युवान चन्द्र ने दुनिया के सबसे ऊँचे बेस कैंप माउंटेन एवेरेस्ट बेस कैंप पर फतह कर देश का नाम रोशन किया है। 

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यह बेस कैंप दुनिया का सबसे ऊँचा बेस कैंप है जिसकी उंचाई 17598 फीट है और यहाँ का तापमान माइनस 15 डिग्री है और यहाँ पर ऑक्सीजन की भी कमी है जो इस ट्रैकिंग की काफी मुश्किल बना देती है। इसी वजह से सभी यहाँ पर ट्रैकिंग नही करते परन्तु 6 वर्षीय युवान चन्द्र ने अपने माँ बाप के साथ इस ट्रैकिंग को सफलतापूर्वक पूरा कर देश का नाम रोशन कर दिया है।

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इस नन्हे बच्चे द्वारा की गई इस ट्रैकिंग को लेकर पूरी दावीं घाटी में ख़ुशी की लहर है कि यहाँ के बच्चे ने नामुमकिन को मुमकिन करके दिखाया।  युवान ने यह यात्रा अपने पिता सुभाष चन्द्र और माँ दिव्या भारती के साथ की। इस बारे में जानकारी देते हुए युवान के पिता सुभाष चन्द्र ने बताया कि उन्होंने अपने परिवार के साथ काठमांडू से माउंटेन फ्लाइट ली और लुक्ला एयरपोर्ट से यह ट्रैकिंग शुरू हुई।

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Himachal : जुखाला के 6 वर्षीय युवान ने दुनिया के सबसे ऊँचे बेस कैंप माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर फहराया तिरंगा 

यह ट्रैकिंग 8 अप्रैल को शुरू हुई और 11 दिन बाद 135 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद यह यात्रा खत्म हुई। सुभाष चन्द्र पिछले आठ वर्षो से दुबई में रह रहे है और वहां निजी कंपनी में मेडिकल इंजीनियरिंग में सीनियर इंजीनियर के पद पर तैनात है। उनका बेटा युवान भी उनके साथ अबू धाबी दुबई में रहता है तथा वही पहली कक्षा में शिक्षा प्राप्त कर रहा है।

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सुभाष ने बताया कि इस ट्रेकिंग के लिए अपने बेटे को 6 महीने की बिना आराम दिए हार्ड ट्रेनिंग करवाई जिसके बाद यह ट्रेकिंग की गई। इस ट्रेनिंग के बाद युवान ने बिना किसी तकलीफ के इस ट्रेकिंग को पूरा किया।  उन्होंने बताया कि उन्होंने युवान को 6 महीने में उन्होंने तैराकी, मार्शल आर्ट तथा दौड़ने की ट्रेनिंग करवाई। अब युवान अच्छे ट्रैकर के साथ साथ अच्छा तैराक, अच्छा धावक तथा मार्शल आर्ट का माहिर भी बन रहा है।

सुभाष चन्द्र के घर Himachal के जुखाला क्षेत्र के सायर मुगरानी में है और युवान के दादा सुन्दर राम, दादी और बाकी परिवार यहीं रहता है। युवान भी अपनी स्कूल की छुट्टियों में साल में दो माह के लिए यहाँ आता है और परिवार के साथ रहता है। युवान की इस उपलब्धि से क्षेत्र में ख़ुशी की लहर है और युवान की जमकर पुरे क्षेत्र में सरहाना हो रही है।